भारत पेरिस ओलिंपिक में मेंस हॉकी के सेमीफाइनल में पहुंच गया है। भारतीय टीम ने रविवार को पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा दिया। कोलंबस के यीव्स-डु-मेनोर स्टेडियम में भारत-ब्रिटेन मैच फुलटाइम तक 1-1 की बराबरी पर रहा। फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ। शूटआउट में भारत ने लगातार 4 गोल किए। ब्रिटेन की टीम सिर्फ दो गोल कर पाई। भारतीय गोलकीपर श्रीजेश जीत के हीरो रहे, जिन्होंने 2 गोल बचाए। भारतीय टीम की यह जीत इसलिए भी अहम है, क्योंकि टीम सिर्फ 10 खिलाड़ियों से खेल रही थी। 60 मिनट के खेल में 48 मिनट भारत के फर्स्ट रशर अमित रोहिदास मैच से बाहर रहे। उन्हें रेफरी ने 12वें मिनट में रेड कार्ड दिखाया था। हालांकि, रेफरी का यह फैसला विवादों में आ गया। पूर्व भारतीय ओलिंपियन जुगराज सिंह ने कहा कि इस फाउल के लिए यलो कार्ड देना ही काफी था। 5 पॉइंट्स में मैच एनालिसिस… 1. पेनल्टी में हर प्रयास में गोल दागे
शूटआउट में भारतीय स्ट्राइकर्स ने हर मौके पर गोल दागे, जबकि अंग्रेज दो प्रयास में चूक गए। पहले प्रयास में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी। फिर ब्रिटेन के जेम्स एल्वेरी ने गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर किया। दूसरे प्रयास में सुखजीत सिंह ने सफल गोल किया, दूसरी ओर इंग्लैंड के जैक वैलिस ने गोल करके स्कोर फिर 2-2 से बराबर कर दिया। तीसरे प्रयास में ललित उपाध्याय ने गोल किया और भारत को 3-2 की बढ़त दिला दी। यहां ब्रिटेन के कोनोर विलियम्सन गोल करने से चूक गए। चौथे प्रयास में राजकुमार पाल ब्रिटेन के गोलकीपर को छकाकर गोल करने में कामयाब रहे, जबकि फिलिप रॉपर भी चूक गए। इस तरह भारत ने 4-2 से जीत हासिल की। 2. श्रीजेश का कमाल, 11 पेनल्टी कॉर्नर सेव किए
भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश गोल पोस्ट के सामने दीवार की तरह खड़े रहे। उन्होंने पेनल्टी शूटआउट में दो सफल बचाव किए। इतना ही नहीं, मैच के दौरान ब्रिटेन को 11 पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन श्रीजेश ने सभी मौकों पर सफल बचाव किया। श्रीजेश ने मैच के बाद कहा- ‘मैंने खुद से कहा था कि यह मेरा आखिरी मैच हो सकता है या अगर मैं इसे बचा लेता हूं तो मैं यहां 2 और मैच खेल सकता हूं। जीत से खुश हूं।’ 3. रोहिदास को रेड कार्ड, आखिरी 48 मिनट में 10 का दम
मैच के 12वें मिनट में रेफरी ने भारतीय टीम के फर्स्ट रसर अमित रोहिदास को रेड कार्ड दिखाया। यहां से भारतीय टीम आखिरी के 48 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलती रही और महज एक गोल खाया। बता दें कि फर्स्ट रशर की भूमिका पेनल्टी कॉर्नर का बचाव करने में अहम हो जाती है, क्योंकि जब प्रतिद्वंद्वी टीम का स्ट्राइकर शॉट लेता है तो बॉल को डिफ्लेक्ट करने की जिम्मेदारी फर्स्ट रशर की होती है। 4. हरमनप्रीत की कप्तानी
हरमनप्रीत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त पर ला दिया। इतना ही नहीं, पेनल्टी शूटआउट के दौरान भी पहला गोल दागा। 5. भारत का कमाल का डिफेंस
अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिलने के बाद भारतीय टीम का डिफेंस कमाल रहा। मैच के दौरान ब्रिटेन के खिलाड़ियों ने 24 बार भारतीय डी में प्रवेश किया, लेकिन हमारे डिफेंडर्स ने सिर्फ एक मौके पर गोल खाया। भारतीय टीम आखिरी के 48 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलती रही।
इंडिया-ब्रिटेन हॉकी मैच का एनालिसिस:48 मिनट 10 प्लेयर्स से खेला भारत, डिफेंस नहीं तोड़ पाया ब्रिटेन; श्रीजेश ने शूटआउट में 2 गोल रोककर जिताया
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