दिल्ली यूनिवर्सिटी UG एडमिशन के लिए सीट अलाॅटमेंट की पहली लिस्ट आज यानी 16 अगस्त को जारी होगी। जिन छात्रों ने दाखिले के लिए फेज 1 के तहत रजिस्ट्रेशन किया है। वह यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट du.ac.in और admission.uod.ac.in पर जाकर सीट अलाॅटमेंट लिस्ट चेक कर सकते हैं। डीयू के अलावा और दूसरी यूनिवर्सिटीज में भी CUET UG के तहत एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एडमिशन के समय कुछ जरूरी बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए: 1. प्रोग्राम या कोर्सेस के बेसिस पर यूनिवर्सिटीज सर्च करें
उन कार्यक्रमों के आधार पर विश्वविद्यालयों की सर्च करें, जिनके लिए आप अप्लाई करना चाहते हैं। किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में अप्लाई करने से पहले, उस यूनिवर्सिटी या कॉलेज और उसके जरिए ऑफर किए जाने वाले सभी कोर्सेस के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें। यूनिवर्सिटी के फैकल्टी, कोर्स स्ट्रक्चर, कैंपस की सुविधाओं और पढ़ाई के अलावा मिलने वाले अन्य अवसरों की डिटेल्स लें। उस यूनिवर्सिटी का अन्य दूसरे यूनिवर्सिटीज के साथ तुलना करें। ऐसा करने से आपको यूनिवर्सिटीज के ट्रेंड्स के बारे में बेहतर समझ होगी। 2. एडमिशन के क्राइटेरिया को समझना
हर एक यूनिवर्सिटी में एक विशिष्ट एडमिशन क्राइटेरिया होता है, जिसमें एकेडमिक क्वालिफिकेशन, एंट्रेंस एग्जाम्स और पर्सनल इंटरव्यू आदि शामिल हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इन सभी जरूरतों को पूरा करते हैं और उसी के हिसाब से तैयारी करें। पिछले सालों के एंट्रेंस पेपर्स की प्रैक्टिस करें। इससे आपको एंट्रेंस का ओवरऑल आइडिया मिल जाएगा। यूट्यूब और कुछ वेबसाइट्स यूनिवर्सिटीज के बारे में रिसर्च करने में मदद कर सकती हैं। 3. रिकॉग्निशन और एफिलिएशन को चेक करना
यह सुनिश्चित करें कि यूनिवर्सिटी रिलेवेंट एजुकेशनल अथॉरिटीज जैसे – UGC और AICTE से मान्यता प्राप्त हो। यह क्वालिटी ऑफ एजुकेशन और जॉब मार्केट में इसकी स्वीकार्यता की गारंटी देता है। अच्छे यूनिवर्सिटीज को आमतौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। इससे ग्रेजुएट स्टूडेंट्स की डिग्रियां वैध और सम्मानित होती हैं। इसके अलावा, कुछ यूनिवर्सिटीज NAAC-ग्रेडेड हैं, और कुछ सरकारी मंत्रालयों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। 4. स्कॉलरशिप के मौके तलाशें
कई यूनिवर्सिटीज मेरिट, स्टूडेंट्स की फाइनेंशियल जरूरत या स्पोर्ट्स, म्यूजिक, थिएटर जैसी विशेष प्रतिभाओं के आधार पर स्कॉलरशिप प्रोवाइड करती हैं। इन अवसरों को चेक करें और अपने पैरेंट्स पर फाइनेंशियल बोझ को कम करने के लिए स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करें। इसके अलावा, अपनी एजुकेशनल जर्नी को फाइनेंशियली आसान बनाने के लिए बैंकों से लोन के ऑप्शन भी देख सकते हैं। 5. कैंपस विजिट करें
अगर पॉसिबल हो तो कैंपर का दौरा करें और भीतर के वातावरण और फैसिलिटीज को एक्सपीरियंस करके आएं। यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के साथ बातचीत करें और उनके ओवरऑल एक्सपीरियंस के बारे में पूछें। इससे आपको अपने कॉलेज और फैकल्टीज को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। आमतौर पर, यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए कैंपस टूर ऑर्गनाइज करती हैं। 6. पाठ्यक्रम को रिव्यू करें
यूनिवर्सिटीज के करीकुलम या पाठ्यक्रम को समझना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि ये करियर गोल के साथ एलाइन करता है या नहीं। सुनिश्चित करें कि प्रोग्राम रिलेवेंट कोर्सेस, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के अवसर प्रोवाइड करता है। 7. प्लेसमेंट रिकॉर्ड का इवैलुएट करें
यूनिवर्सिटीज के ग्रेजुएट्स के सक्सेस रेट का पता लगाने के लिए यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट रिकॉर्ड को चेक करें। एक स्ट्रॉन्ग प्लेसमेंट रिकॉर्ड अच्छे इंडस्ट्रियल कनेक्शन और प्रोवाइड किए गए एजुकेशन के इफेक्टिवनेस को दर्शाता है। आप प्लेसमेंट ड्राइव के रिकॉर्ड को प्लेसमेंट सेल के जरिए देख सकते हैं। यह आजकल हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। 8. कैंपस के लोकेशन को भी कंसिडर करें
यूनिवर्सिटी की आपके ओवरऑल एक्सपीरियंस को प्रभावित कर सकता है। स्टूडेंट्स को कॉस्ट ऑफ लिविंग, क्लाइमेट और घर से दूरी जैसे फैक्टर्स पर विचार करें। कॉलेज के आसपास पीजी और हॉस्टल की उपलब्धता स्टूडेंट्स की एजुकेशन जर्नी आसान और कुछ हद तक सुविधाजनक बना सकती है। 9. फी-स्ट्रक्चर को समझें
प्रोग्राम की कुल लागत के बारे में क्लियर करें, जिसमें ट्यूशन फीस, एकोमोडेशन और अन्य खर्च शामिल हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास एक फाइनेंशियल प्लान हो। अमूमन यूनिवर्सिटीज एक ट्रांसपेरेंट फी-स्ट्रक्चर प्रोवाइड करते हैं, जिससे स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के लिए प्लान बनाना आसान हो जाता है। 10. अपने टीचर्स और मेंटोर से गाइडेंस लें
सलाह और जानकारी के लिए टीचर्स, करियर काउंसलर्स और उसी यूनिवर्सिटी या कोर्स के पुराने स्टूडेंट्स से गाइडेंस लें। वे सही नजरिया दे सकते हैं और आपको डिसीजन लेने में मदद कर सकते हैं। इन स्टेप्स को फॉलो करके स्टूडेंट्स अपनी यूनिवर्सिटीज के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। इसके साथ-साथ सब्जेक्ट्स और कोर्सेस के बारे में क्लैरिटी पा सकते है। यह उन्हें अपने करियर के गोल्स पर टिके रहने में मदद करेगा।