Wednesday, September 18, 2024
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जेवलिन थ्रोअर नीरज ने पेरिस में सिल्वर जीता:2 ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय; 12 की उम्र में पकड़ा था भाला

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलिंपिक के जेवलिन थ्रो इवेंट में भारत को सिल्वर मेडल जिता दिया है। 26 साल के नीरज ने 89.45 मीटर दूर भाला फेंका और दूसरा स्थान हासिल किया। इसी के साथ नीरज लगातार दो ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के तीसरे ही प्लेयर बने। नीरज से पहले रेसलर सुशील कुमार और शटलर पीवी सिंधु ने लगातार दो ओलिंपिक में मेडल जीते थे। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंका और ओलिंपिक रिकॉर्ड बनाया। अरशद के 2 थ्रो 90 मीटर से ज्यादा के रहे। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर दूर भाला फेंक कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। नीरज की उपलब्धि पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘नीरज एक्सीलेंस के उदाहरण हैं। उन्होंने बार-बार अपनी प्रतिभा दिखाई है।’ नीरज की मां बोलीं- ‘हमारे लिए सिल्वर ही गोल्ड जैसा, जिसने गोल्ड जीता वह भी मेरा बेटा ही है।’ पिता बोले- ‘इंजरी की वजह से परेशानी हुई, नीरज का मेडल विनेश के जज्बे को समर्पित।’ ग्राफिक्स में देखें नीरज चोपड़ा का पेरिस ओलिंपिक फाइनल में प्रदर्शन… अब नजर नीरज के ओलिंपिक तक के सफर पर… जेवलिन की शुरुआत 12 साल की उम्र में
नीरज ने जेवलिन थ्रो की शुरुआत 2010 में 12 साल की उम्र में की। SAI पानीपत में अक्षय चौधरी नीरज के पहले कोच बने थे। अक्षय इस बात से बहुत प्रभावित थे कि नीरज इतनी कम उम्र में बिना किसी ट्रेनिंग के 40 मीटर दूर जेवलिन फेंक लेते थे। चौधरी ने करीब 1 साल तक नीरज को ट्रेनिंग दी। इसके बाद वे ताउ देवीलाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पंचकुला चले गए। पंचकुला में नसीम अहमद ने नीरज को कोचिंग दी। उन्होंने नीरज को जेवलिन के साथ-साथ लॉन्ग डिस्टेंस रनिंग की ट्रेनिंग भी ताकि उनके अंदर और भी ज्यादा स्टैमिना और एंड्योरेंस डेवलप हो। पंचकुला में नीरज ने तीन बार के ओलिंपिक चैंपियन चेकोस्लोवाकिया के जान जेलेनी के वीडियो देखना शुरू किया। उनके स्टाइल की कॉपी भी की। इससे पहले वे नियमित तौर पर 55 मीटर थ्रो करते थे। इसके बाद उन्होंने 10 मीटर से ज्यादा का इजाफा किया। 2012 में नीरज ने लखनऊ में 68.40 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड जीता। पहला इंटरनेशनल मेडल 2014 में जीता
नीरज का इंटरनेशनल करियर 2013 में शुरू हुआ। तब उन्होंने यूक्रैन में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मेडल 2014 में बैंकॉक में हुए यूथ ओलिंपिक क्वालिफिकेशन में जीता। तब उन्होंने सिल्वर जीता। 2014 के सीनियर नेशनल में नीरज ने पहली बार 70 मीटर का मार्क पार किया। 2015 में नीरज ने पहली बार 80 मीटर से ऊपर का थ्रो किया। उन्होंने 81.04 मीटर का थ्रो किया। यह जूनियर कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड थ्रो था। 2016 में नीरज पंचकुला में सीनियर कैंप में शामिल किए गए। 20 की उम्र में ओलिंपिक मेडलिस्ट को पछाड़ा
14 अगस्त 2016 का दिन। भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड जीता था। खास बात यह कि उसी समय रियो ओलिंपिक चल रहा था और वहां मेंस जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज जीतने वाले एथलीट का बेस्ट थ्रो 86.48 से कम था। रियो में त्रिनिदाद के कीशोर्न वालकोट ने 85.38 मीटर थ्रो फेंक कर ब्रॉन्ज मेडल जीता था। ओलिंपिक डेब्यू पर गोल्ड जीतकर इतिहास रचा
जूनियर और सीनियर सर्किट में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद नीरज ने टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया। पहले ही ओलिंपिक में उन्होंने 87.58 मीटर का जेवलिन थ्रो फेंका और गोल्ड मेडल जीत लिया। 2022 के वर्ल्ड फाइनल में सिल्वर और 2023 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसी दौरान स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89.94 मीटर थ्रो फेंका और नेशनल रिकॉर्ड बनाया, यह नीरज का भी पर्सनल बेस्ट रहा। पाकिस्तानी दोस्त से पहली बार हारे
भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम 2016 से जूनियर लेवल पर एक दूसरे का सामना कर रहे हैं। दोनों में तब से ही गहरी दोस्ती है। 2016 के साउथ एशियन गेम्स में नीरज पहले और नदीम तीसरे नंबर पर रहे। टोक्यो ओलिंपिक तक दोनों 7 बार भिड़े, हर बार नीरज ने बाजी मारी। टोक्यो में नदीम 5वें नंबर पर रहे थे। पेरिस ओलिंपिक से पहले दोनों वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 2 बार आमने-सामने हुए। 2022 में नीरज दूसरे और नदीम 5वें नंबर पर रहे। 2023 में नदीम करीब पहुंचे और दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन यहां भी नीरज ने बाजी मारी और पहला स्थान हासिल कर लिया। पेरिस ओलिंपिक में नदीम और नीरज दोनों का पहला प्रयास फाउल रहा। दूसरे अटेम्प्ट में नदीम ने ओलिंपिक रिकॉर्ड तोड़ा और 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर मेडल कन्फर्म कर लिया। नीरज ने अपने दूसरे अटेम्प्ट में 89.45 मीटर की दूरी तय की और सेकेंड पोजिशन हासिल की। इसके बाद नीरज के सभी थ्रो फाउल रहे। नदीम को 9 बार हराया, 10वीं बार बाजी पलटी
नदीम ने अपना आखिरी थ्रो भी रिकॉर्ड तोड़ फेंका और 91.79 मीटर की दूरी तय कर ली। नीरज चोपड़ा से लगातार 9 बार हारने के बाद अरशद नदीम ने सबसे बड़े इवेंट में हिसाब बराबर किया और ओलिंपिक रिकॉर्ड के साथ पाकिस्तान को पहला इंडिविजुअल गोल्ड मेडल भी दिलाया। अरशद फिलहाल 27 और नीरज 26 साल के हैं, यानी दोनों के बीच 2028 के लॉस एंजिल्स ओलिंपिक में भी भिड़ंत देखने को मिल सकती है। नीरज बोले- अरशद ने बेहतर प्रदर्शन किया
नीरज चोपड़ा ने फाइनल के बाद कहा, “मैं अरशद के साथ 2016 से कॉम्पिटिशन कर रहा हूं, लेकिन पहली बार ही उनसे हार मिली। लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और इस बात के लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए। अरशद ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की, फाइनल में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। उन्हें बधाई।”

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