पेरिस में हो रहे पैरालिंपिक में भारत के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। जयपुर की दो महिला खिलाड़ियों पर सबकी नजर रहेगी। आज 3.15 बजे अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल आर 2 महिला 10 एम एयर राइफल एसएच-1 के फाइनल राउंड में पहुंचा तय है। अवनी आज हुए क्वालिफिकेशन राउंड में 625.8 पॉइंट के साथ दूसरे नंबर पर रहीं। वहीं, मोना अग्रवाल 623.1 पॉइंट के साथ पांचवे स्थान पर रहीं। बता दें कि अवनी इससे पहले 2020 पैरालिंपिक में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। वहीं, मोना अग्रवाल पहली बार पैरालिंपिक में हिस्सा ले रही हैं। अवनी लेखरा ने टोक्यो में खेले गए पैरालिंपिक गेम्स 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। उन्हें 50 मीटर राइफल में ब्रॉन्ज भी मिला था। वे पैरालिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली पैरा एथलीट बनी थीं। इसके बाद अवनी ने पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था। 11 साल की उम्र में हुआ था हादसा दरअसल, अवनी लेखरा 11 साल की उम्र में एक कार हादसे का शिकार हो गई थीं और उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इस एक्सीडेंट की वजह से वे डिप्रेशन में भी चली गई थीं। ऐसे में पिता ने खेलों में हिस्सा लेने का सुझाव दिया था। फिर अवनी ने बीजिंग ओलिंपिक गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी। इसके बाद शूटिंग के प्रति वो और ज्यादा गंभीर हो गईं थी। अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी। इन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी अवनी अवनी लेखरा को अब तक पद्मश्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, यंग इंडियन ऑफ द ईयर, पैरा एथलीट ऑफ द ईयर समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी उनके लिए एक स्पेशल XUV-700 कस्टमाइज करवा उन्हें गिफ्ट की थी। राजस्थान सरकार ने नगद पुरस्कार के साथ ही वन विभाग में एसीएफ के पद पर नियुक्ति दी थी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने उन्हें बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बनाया था।
मोना ने दिसंबर 2021 से ही शूटिंग करना शुरू किया मोना अग्रवाल (37) ने इसी साल 9 मार्च को अपने करियर के चौथे इंटरनेशनल टूर्नामेंट डब्ल्यूएसपीएस पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने विमेन्स 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 कैटेगरी में गोल्ड जीतकर 2024 पेरिस पैरालिंपिक का कोटा हासिल कर लिया था। वहीं, इस कैटेगरी में अवनी लेखरा ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इससे पहले मोना ने शॉट पुट और पावर लिफ्टिंग में स्टेट लेवल तक खेला है। दिसंबर 2021 में शूटिंग करना शुरू था। मोना अपने जन्म के कुछ महीनों बाद ही पोलियो से पीड़ित हो गई थीं। मोना के दो बच्चे हैं।
कब होगा फाइनल मुकाबला
पेरिस पैरालिंपिक में आज गोल्ड की उम्मीद:जयपुर की दो बेटियां अवनी और मोना का फाइनल में पहुंचना तय
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