Thursday, September 19, 2024
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भारत का ओलिंपिक अभियान आज से शुरू:रैंकिंग राउंड में निशाना साधेंगे 6 तीरंदाज; पहला मेडल जीतना होगा टारगेट

पेरिस ओलिंपिक 2024 के दौरान भारत का सबसे पहला इवेंट आर्चरी यानि तीरंदाजी में होगा। टीम इंडिया इसी इवेंट के साथ इस बार अपने ओलिंपिक में अपने अभियान का आगाज करेगी। तीरंदाजी को ओलिंपिक में 1988 में शामिल किया गया था। तब से भारतीय तीरंदाज लगभग हर ओलिंपिक खेल में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन अभी तक पोडियम तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं। पेरिस ओलिंपिक में भारतीय तीरंदाज बुधवार को लेस इनवैलिड्स गार्डन में क्वालीफिकेशन राउंड के साथ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। इवेंट डिटेल्स
ओलिंपिक में भारत का पहला दिन
इवेंट: आर्चरी रैंकिंग राउंड (मेंस विमेंस )
टीम: 1. भारतीय तीरंदाजी विमेंस
इवेंट टाइमिंग- दोपहर 1:00 बजे से
2. भारतीय तीरंदाजी मेंस
इवेंट टाइमिंग- शाम 5:45 बजे से ​​​​​​​ क्वालिफिकेशन में शीर्ष 10 में जगह बनानी होगी
एक्सपीरियंस तरुणदीप राय और दीपिका कुमारी अपने चौथे ओलिंपिक में भाग ले रहे हैं। उनकी अगुवाई में टीम को पसंदीदा ड्रॉ हासिल करने के लिए क्वालिफिकेशन में कम से कम शीर्ष 10 में जगह बनानी होगी। प्रत्येक तीरंदाज 72 तीर चलाएगा और क्वालिफिकेशन दौर में भाग ले रहे 53 देश के 128 खिलाड़ियों के स्कोर के आधार पर रविवार से शुरू होने वाली मुख्य नॉकआउट प्रतियोगिता के लिए वरीयता तय की जाएगी। भारतीय टीम के लिए ये क्वालीफिकेशन दौर महत्वपूर्ण होगा जो क्योंकि भारतीय टीम अक्सर निचली वरीयता हासिल करती रही हैं। जिससे नॉकआउट चरण में उन्हें दक्षिण कोरिया जैसी मजबूत टीम का सामना करना पड़ता है। भारत को पुरुष टीम से काफी उम्मीद
भारत को आर्चरी में पुरुष टीम से काफी उम्मीद हैं जिसने इस साल शंघाई में विश्व कप के फाइनल में कोरिया को हराकर इतिहास रचा था। भारतीय टीम में तरुणदीप राय और पिछले ओलिंपिक में भाग लेने वाले प्रवीण जाधव के रूप में अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं जबकि युवा खिलाड़ी धीरज बोम्मादेवरा ने एक महीने पहले ही अंताल्या वर्ल्ड कप में टोक्यो ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट इटली के मौरो नेस्पोली को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता हैं। महिला वर्ग में सभी की निगाहें दीपिका पर
महिला वर्ग में सभी की निगाहें दीपिका पर टिकी रहेंगी। उन्होंने मां बनने के 16 महीने के अंदर शंघाई में वर्ल्ड कप के पहले स्टेज में सिल्वर मेडल जीत कर शानदार वापसी की थी। महिला टीम में उनके साथ देने के लिए अंकिता भगत और भजन कौर हैं। इन दोनों का यह पहला ओलिंपिक​​​​​​​ होगा। पेरिस ओलिंपिक में मेंस टीम का फाइनल सोमवार को जबकि इंडिविजुअल एलिमिनेशन मंगलवार को शुरू होगा। मिक्स्ड टीम का फाइनल अगले शुक्रवार को तथा उसी सप्ताह के अंत में महिला और इंडिविजुअल फाइनल होंगे। टोक्यो में शीर्ष 30 में जगह नहीं बना पाए थे
टोक्यो ओलिंपिक में भारत के सभी पुरुष तीरंदाज शीर्ष 30 में जगह नहीं बना पाए थे जिससे भारतीय टीम को 9वीं वरीयता मिली थी। भारत की एकमात्र महिला तीरंदाज दीपिका ने 9वां स्थान हासिल किया था। भारत को तब अपने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलाें में शीर्ष वरीयता प्राप्त कोरिया से हार का सामना करना पड़ा था। क्वार्टर फाइनल तक पहुंच सका हैं भारत
भारतीय तीरंदाज ओलिंपिक में अभी तक क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। भारत तीरंदाजी में केवल सिडनी ओलंपिक 2000 में क्वालिफाई नहीं कर पाया था। इसके अलावा उसने सभी ओलिंपिक खेलों में भाग लिया, लेकिन अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पाया। लंदन ओलिंपिक 2012 के बाद यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम में सभी छह खिलाड़ी शामिल हैं। भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने रैंकिंग के आधार पर ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया जिसका मतलब है कि इस बार भारतीय तीरंदाज पांच आर्चरी इवेंट्स में भाग लेंगे। अब जानते हैं क्या होता हैं आर्चरी
तीरंदाजी वैसे तो भारत का प्राचीन खेल है। सदियों से तीरंदाजी की परंपरा भारत में चलती आई है लेकिन ओलिंपिक में इसके नियम-कायदे काफी अलग होते हैं। ​​​​​​​ओलंपिक में तीरंदाजी के क्या-क्या नियम होते हैं और किस तरह प्वॉइंट मिलते हैं। आर्चरी को तीन विभागों टारगेट, इनडोर और फील्ड में बांटा गया है। वर्ल्ड आर्चरी ने यह डिसिप्लिन बनाए हैं। टारगेट आर्चरी
इस डिसिप्लिन में तीरंदाज के सामने एक टार्गेट होता है, जिसके ऊपर वह निशाना साधता है। रिकर्व के लिए यह लक्ष्य 70 मीटर की दूरी और कंपाउंड के लिए 50 मीटर की दूरी पर होता है। लक्ष्य पर पांच कलर सुनहरा, लाल, नीला, काला और सफेद रंग बने होते हैं। अगर किसी खिलाड़ी ने सुनहरे रंग पर एकदम बीच में निशाना लगाया तो उसे पूरे के पूरे 10 अंक मिलते हैं। लाल रंग पर निशाना लगा तो 8 और 7 रंग मिलते हैं और साथ ही नीला रंग 6 और 5 अंक देते हैं। वहीं अगर निशाना काले रंग पर लगता है तो खिलाड़ी को 4 और 3 अंक मिलते हैं और साथ ही सबसे बाहरी रिंग यानी सफेद रंग पर निशाना लगे तो एक खिलाड़ी 2 और 1 अंक हासिल कर सकता है। सभी सेट को लेकर जिस तीरंदाज को ज्यादा अंक मिलते हैं, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। इनडोर और फील्ड आर्चरी
इनडोर आर्चरी में तीरंदाज 18 मीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेदता है। 2018 के बाद इनडोर आर्चरी वर्ल्ड सीरीज का आगाज हुआ था। वहीं फील्ड आर्चरी की अगर बात करें तो इसमें एक तीरंदाज को अलग-अलग साइज के लक्ष्य पर अलग-अलग दूरी से निशाना लगाना पड़ता है। इस दौरान एंगल, लंबाई और दूरी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। रिकर्व और कंपाउंड में अंतर
रिकर्व इवेंट में आर्चर 70 मीटर की दूरी से निशाना लगाता है, जिसका व्यास 122 सेंटीमीटर होता है, जिसका सबसे बेहतरीन स्कोर 10 अंक होता है। जबकि कंपाउंड इवेंट में 50 मीटर की दूरी पर टारगेट होता है और एक आर्चर लेंस के जरिए इसे देखता है। प्वॉइंट्स के नियम
कुल मिलाकर एक तीरंदाज 72 निशाने लगाता है, जिसमें 12 सेट होते हैं और हर सेट में 6 तीर मारने होते हैं। हर सेट में मिलने वाले प्वॉइंट्स को जोड़कर आखिर में विजेता का फैसला किया जाता है।

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