Sunday, September 8, 2024
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4 घंटे की नींद की बातें बकवास हैं- डॉ. मोनिका:आपका शरीर मशीन है तो दिमाग इंजिन और अच्छी नींद उसका फ्यूल

आपकी नींद का टाइम टेबल तय होना चाहिए। सोने का समय दोनों आधे-आधे घंटे ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन एक दिन 11 बजे और अगले दिन 2 बजे बिस्तर पर जाएं। यह बीमारी को खुला निमंत्रण है।’ ‘अच्छी नींद के लिए इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको शाम के 4 या 5 बजे के बाद चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा फास्ट फूड भी आपकी नींद पर बुरा असर डालते हैं। यदि बिस्तर पर लेटने के बाद दो घंटे तक नींद नहीं आती है तो यह 100% बीमारी है। लोगों को अब हर काम के लिए सलाह मिलने लगी है, लेकिन क्या आपने कभी स्लीप एडवाइजर के बारे में सुना है? इस साल पहली बार हमारे एथलीट्स के लिए स्लीप एडवाइजर भी नियुक्त की गई हैं। ये एडवाइजर हैं डॉ. मोनिका शर्मा, जो पिछले कई वर्षों से स्लीप एडवाइजर के रूप में सक्रिय हैं। ओलंपिक के लिए स्लीप एडवाइजर की जरूरत क्यों पड़ी?
डॉ. मोनिका बताती हैं कि मैं लंबे समय से ज्यादातर एथलीटों के साथ नींद सलाहकार के रूप में काम कर रही हूं। मेरी सलाह के चलते एथलीटों की नियमित जिंदगी, थकान और दैनिक कामों में काफी अंतर आ गया है। इससे उनके प्रदर्शन में भी काफी फर्क आया है। SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और IOS (इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ साइंस) ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिया कि नींद से कितना फायदा हो सकता है। ओलंपिक में हर पहलू पर पर्याप्त ध्यान दिया जाता था, लेकिन नींद के सर्किल पर कोई ध्यान नहीं देता था। लेकिन, इस पर पहली बार फोकस किया गया है और मुझे उसी के लिए नियुक्त किया गया है। डॉ. मोनिका आगे कहती हैं कि ओलंपिक एथलीटों की नींद की जरूरतें हमसे बहुत अलग होती हैं। उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है। कड़ी प्रैक्टिस करनी होती है। अलग-अलग शेड्यूल पर दुनिया भर के एथलीटों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होती है। इन सबके बीच उनका शरीर और दिमाग गंभीर तनाव में रहता है। इसका सीधा असर उनकी नींद और ओवरऑल परफॉर्मेंस पर पड़ता है। इस तरह नींद न केवल आराम के लिए है, बल्कि यह उनकी रिकवरी और प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। आप एक साथ इतने सारे खिलाड़ियों पर नजर कैसे रखेंगी?
इस बारे में डॉ. मोनिका कहती है कि इसके लिए हमारे पास अलग-अलग समय सारिणी और सेटअप हैं, जो काफी समय से तैयार हैं। अब इसमें कोई बदलाव नहीं है। उन लोगों को इसका नियमित रूप से पालन करना होगा और मुझे प्रतिदिन रिपोर्ट भी करनी होगी। उन्हें सख्त हिदायत है कि जब बात सेहत की हो तो कोई ‘चीट कोड’ नहीं होना चाहिए। मुझसे कुछ भी छिपाया नहीं जाना चाहिए, तभी हम उनकी नींद को बिल्कुल परफेक्ट बना पाएंगे। हर बीमारी नींद से जुड़ी होती है
नींद सलाहकार के रूप में अपने शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए, डॉ. मोनिका शर्मा कहती हैं, ‘जब मैं 2007 में दिल्ली में क्लिनिकल प्रैक्टिस कर रही थी, तो मैंने अपने क्लिनिक में एक चलन देखा कि जब भी कोई मरीज मेरे पास आता था तो मैं उनकी नींद के बारे में कुछ सवाल पूछती थी। तब मुझे एहसास हुआ कि हर किसी की बीमारी के लिए नींद किसी न किसी तरह से जिम्मेदार है।

लोग अपनी नींद की समस्या लेकर डॉक्टर के पास नहीं जाते, लेकिन नींद की समस्या हर किसी को होती है और इससे अन्य बीमारियां भी होती हैं। खैर, तब से नींद में मेरी रुचि धीरे-धीरे बढ़ने लगी। मैंने सोने के लिए अलग-अलग किताबें पढ़ना शुरू कर दिया। मुझे एहसास हुआ कि मुझे इसके लिए एक विशेष ट्रेनिंग या कोर्स की आवश्यकता है। मैंने इसकी खोज शुरू की, लेकिन भारत में इसका कोई कोर्स नहीं है। अंततः मैंने अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में आवेदन किया और वहां से कोर्स किया। खराब नींद के लक्षण क्या हैं?
इस सवाल के जवाब में डॉ. मोनिका कहती हैं- पहली बात तो यह है कि बिस्तर पर जाने के बाद आपको नींद आने में कितना समय लगता है? यदि इसमें 30 मिनट या उससे अधिक समय लगता है, तो आपको निश्चित रूप से डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके अलावा अगर आपकी नींद बीच-बीच में टूटती है तो यह भी एक बुरा संकेत है। नींद हमेशा एक साथ आनी चाहिए, टुकड़ों में नहीं। अगर आप सुबह जल्दी सो जाते हैं तो यह भी बीमारी का एक लक्षण है। कई लोग यह समस्या लेकर आते हैं कि हमने सुबह 8 बजे का अलार्म लगाया है, लेकिन सुबह 4 बजे से ही नींद उड़ जाती है, नियमित रूप से खर्राटे आते हैं तो यह एक बीमारी है। यह सब आपके पूरे दिन में कई परेशानियों का कारण बनता है। जैसे, दिन में नींद आना, गुस्सा और चिड़चिड़ापन। ‘मन बेचैन रहना, याददाश्त में दिक्कत, निर्णय लेने की शक्ति पर भी असर, दिमाग एकाग्र न होना जैसी कई कठिनाइयां होती हैं। अच्छी नींद किसे कहते हैं?
इस बारे में डॉ. मोनिका कहती हैं, ‘नींद के लिए एक सरल नियम है।’ एक दिन में कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। 24 में से 8 घंटे आप अपना काम करते हैं, 8 घंटे अपने शौक, अपने परिवार और दोस्तों को देते हैं और 8 घंटे की भरपूर नींद लेते हैं। जिसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले आपकी नींद का टाइम टेबल तय होना चाहिए। प्रतिदिन सोने और जागने का समय निश्चित करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 11 बजे बिस्तर पर जाते हैं, तो आपको हर दिन एक ही समय बनाए रखना चाहिए। अगर आप सुबह 7 बजे उठना चाहते हैं तो रोजाना सुबह 7 बजे उठें। सोने का समय दोनों आधे-आधे घंटे ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन एक दिन 11 बजे और अगले दिन 2 बजे बिस्तर पर जाएं। यह बीमारी को खुला निमंत्रण है।’ सवाल: सोने से कितने घंटे पहले डिनर लेना चाहिए ?
जवाब: आपका नियमित भोजन भी आपकी नींद पर बहुत फर्क डालता है। ठीक से नींद न आने के कारण हमें दिन में लगातार नींद आती रहती है और जागते रहने के लिए हम चाय और कॉफी का अधिक सेवन करते हैं, जिससे हम लगातार सतर्क रहते हैं। दुनिया भर में चाय-कॉफी का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। कैफीन सिर्फ चाय-कॉफी से ही नहीं बल्कि एनर्जी ड्रिंक से भी हमारे शरीर में प्रवेश करती है। अच्छी नींद के लिए इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको 3 या 4 बजे के बाद चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा फास्ट फूड भी आपकी नींद पर बुरा असर डालता है। रात की अच्छी नींद के लिए आपको सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना चाहिए। ‘रात के खाने और सोने के समय के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर जरूरी है।’ सपने देखते वक्त नींद क्यों खुल जाती है?
इसके जवाब में डॉ. मोनिका ने कहा कि इसके लिए हमें सबसे पहले नींद के चक्र को समझना होगा और यह भी जानना होगा कि नींद को कितने चरणों में बांटा गया है। नींद के चक्र को 4 भागों में बांटा गया है। इसमें प्रारंभिक चरण, कच्ची नींद शामिल है, जो नींद का प्रारंभिक चरण है। उस अवस्था में, अगर कोई कमरे में प्रवेश करता है या रोशनी जलाता है, तो भी आपकी नींद में खलल पड़ता है। स्टेज-2 में आपके शरीर का तापमान, हृदय गति सभी कम हो जाती है और आपका पूरा शरीर आराम करता है। इसके बाद स्टेज-3 आती है, जो नींद का सबसे अहम हिस्सा है। स्टेज-3 शारीरिक थकान दूर करने में भूमिका निभाता है। दिन भर में चाहे कितना भी काम कर लिया जाए, स्टेज-3 में सारी थकान उतर जाती है। अच्छी नींद के लिए यह अवस्था आवश्यक है। और अंत में चरण-4 आता है, जिसे स्वप्न अवस्था भी कहा जाता है। स्टेज-4 में मस्तिष्क शिथिल हो जाता है और मानसिक थकान दूर हो जाती है। हर सपना आपको स्वप्न अवस्था में ही आता है। और इसीलिए हर कोई कहता है कि सपना चल रहा था और नींद चली गई, क्योंकि वह आपकी नींद का आखिरी चरण है।
अच्छी नींद के लिए कमरा शांत और ठंडा होना चाहिए
अगर किसी को सोने में परेशानी हो तो क्या करना चाहिए? डॉ। मोनिका लोगों को सलाह देते हुए कहती हैं, ‘अगर यह समस्या नियमित रूप से होती है, तो यह एक बीमारी है और आपको इसके लिए डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। वर्तमान समय में हर किसी की हालत ऐसी है कि वह चाहकर भी अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं। काम बहुत ज्यादा होने के कारण हम हर जिम्मेदारी के चलते चाहकर भी पूरी नींद नहीं ले पाते। लेकिन अगर आपकी समस्या यह है कि आप सोने के बाद 22 घंटे तक सो नहीं पाते हैं तो यह 100% बीमारी है। सोने के लिए भी कमरे का वातावरण गुफा जैसा होना चाहिए। मतलब, कमरा ठंडा, शांत और अंधेरा होना चाहिए।’ रात में केवल 4 घंटे सोना संभव नहीं है
हम अक्सर कई लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं, ‘मैं केवल 4 घंटे ही सोता हूं और फिर भी मैं पूरे दिन पूरी ऊर्जा के साथ काम कर सकता हूं।’ तो यह संभव है? इसे लेकर डॉ. मोनिका कहती हैं- अगर आप 4 घंटे सोते हैं तो अच्छे दिन की कोई संभावना नहीं है। आप सिर्फ खुद से समझौता कर रहे हैं और गलत तरीके से अपनी बात मनवा रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर यह संभव नहीं है। हर किसी को कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है, तभी आपका दिन अच्छा गुजर सकता है। यदि आप इससे कम सोते हैं, तो 100% आपका शरीर इसकी कीमत चुकाएगा। मधुमेह, रक्तचाप जैसी बीमारियाँ भी हो सकती हैं। ‘सिर्फ 4 घंटे की नींद से पूरा दिन गुजारना संभव नहीं है।’ अगर आपको नींद नहीं आती तो क्या करें?
आजकल लोगों को होने वाली नींद संबंधी परेशानियों का कारण क्या है? लोग दिन-ब-दिन अनिद्रा का शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे की वजह बताते हुए डॉ. मोनिका कहती हैं, ‘इसका सबसे जिम्मेदार कारण दिनभर बढ़ता तनाव, सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल, अव्यवस्थित खान-पान, टेक्नोलॉजी से लगातार जुड़ा रहना, उनके सोने का टाइमटेबल तय न होना है। जिसके कारण उन्हें लगातार अनिद्रा का सामना करना पड़ता है। अगर ये बीमारी बन जाए तो डॉक्टर के पास जाना ही पड़ेगा। लेकिन अगर समस्या कभी-कभार ही होती है तो हल्दी वाला दूध सबसे प्रभावी है। ‘रात के खाने से पहले 2 घंटे का अंतर रखें और सोते समय हल्दी वाला दूध पीने से आपको अच्छी और जल्दी नींद आती है।’

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