पेरिस में 26 जुलाई को ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह के दौरान अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) ने साउथ कोरियाई टीम को नॉर्थ कोरिया की टीम बता दिया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक जब दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी सीन नदी में तैरती नाव पर अपने देश का झंडा लहरा रहे थे, तब IOC के एनाउंसर ने दक्षिण कोरियाई टीम को अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों में ‘डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया’ बता दिया। यह नॉर्थ कोरिया का ऑफिशियल नाम है। इसे लेकर साउथ कोरिया ने नाराजगी जाहिर की थी। अब IOC ने इस गलती के लिए टीम से माफी मांगी है और दोबारा ऐसा नहीं ना होने का यकीन दिलाया है। साउथ कोरिया के खेल और संस्कृति उप मंत्री जंग मि-रान ने बताया कि IOC के अध्यक्ष थॉमस बाक ने शनिवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक-योल से माफी मांगी। IOC ने सोशल मीडिया पर भी इस इस घटना के बारे में लिखा कि वे इस गलती के लिए माफी मांगना चाहते हैं। 2012 में भी हुई थी ऐसी गलती
इससे पहले साउथ कोरिया की ओलिंपिक समिति ने कहा था कि वे इसके खिलाफ पेरिस ओलिंपिक आयोजन समिति और IOC के सामने अपना विरोध दर्ज कराएगे। साउथ कोरिया की ओलिंपिक समिति ने दोबारा ऐसी घटना न हो इसके लिए जवाबदेही तय करने की मांग की थी। IOC के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने शनिवार को इस गलती को बहुत निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि ये एक ऑपरेशनल गलती थी। इसके लिए हम केवल माफी मांग सकते हैं कि ऐसे प्रमुख मौके पर ये गलती हुई। ये पहली बार नहीं हुआ है जब ओलिंपिक में दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हुई है। इससे पहले लंदन ओलिंपिक 2012 में भी इससे मिलती-जुलती घटना हुई थी। तब ग्लासगो में स्टेडियम की स्क्रीन पर उत्तर कोरिया की महिला फुटबॉल टीम के साथ दक्षिण कोरिया का झंडा दिखा दिया गया था। इसके बाद आयोजकों ने इसके लिए माफी मांगी थी और इसे एक इंसानी गलती बताया था।
नॉर्थ और साउथ के बीच 75 सालों से तनाव
1910 से 1945 के बीच कोरिया पर जापान का कब्जा था। जापान की हार के बाद कोरिया को दो हिस्सों में बांट दिया गया। नॉर्थ कोरिया पर रूस और चीन का प्रभाव बढ़ने लगा तो साउथ पर अमेरिका का।
जून 1950 में दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई। इसमें अमेरिका ने साउथ कोरिया की मदद की थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव आज भी जारी है। पेरिस में हुई 2024 के ओलंपिक की शुरुआत
पेरिस में 2024 ओलंपिक की शुरुआत हजारों एथलीट्स की टीमें सीन नदी में नावों पर सवार होकर ओपनिंग सेरेमनी की परेड के साथ हुई। इस दौरान पुलों, नदी के किनारों और छतों पर लाइव परफॉर्मेंस हुई। ओलिंपिक माशल लिए एक मिस्टीरियस मैन नजर आया, जिसकी चर्चा हर जुबां पर है कि ये कौन था। मशाल फ्रांस के दिग्गज फुटबॉलर जिनेदिन जिदान, टेनिस स्टार राफेल नडाल, धावक कार्ल लुईस के हाथों से होते हुए ओल्डेस्ट लिविंग ओलिंपिक चैंपियन चार्ल्स कॉस्टे के पास पहुंची। कॉस्टे 100 साल के बाइसिकिल रेसर हैं। सिटी ऑफ लव कहा जाने वाला पेरिस शुक्रवार की रात दिल खोलकर ओलिंपिक का स्वागत कर रहा था। 100 साल बाद ओलिंपिक गेम्स पेरिस में लौटे और इस मौके पर फ्रांस ने अपनी सांस्कृतिक विविधता, क्रांति के इतिहास, वास्तुकला को दुनिया से रू-ब-रू कराया। पहला दल ग्रीस का, भारत 84वें नंबर पर आया
सबसे पहले ग्रीस का दल आया, क्योंकि इसी देश में मॉर्डन ओलिंपिक गेम्स की शुरुआत हुई थी। दूसरे नंबर पर रिफ्यूजी टीम आई। भारतीय दल 84वें नंबर पर आया। इसमें पीवी सिंधु और अचंता शरत कमल तिरंगा थामे नजर आए। सबसे अंत में मेजबान फ्रांस का दल आया। भारत के खेल प्रेमी अपने स्टार्स को देखने के लिए आधी रात तक जागते रहे।
ओलिंपिक सेरेमनी में साउथ कोरिया को बताया नॉर्थ कोरिया:एनाउंसर से हुई गलती; नाराजगी के बाद IOC ने माफी मांगी
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