नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 जून को NEET UG एग्जाम का रिजल्ट डिक्लेयर किया। इस बार NEET UG में 67 स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है। NTA ने स्पष्ट किया है कि ऐसा NCERT की पुरानी और नई किताब में अंतर होने की वजह से हुआ है। NTA ने कहा है कि हमारे देश में घर के बड़े भाई-बहनों की पुरानी किताबों से घर के छोटे बच्चे पढ़ाई करते हैं। ऐसे में हम पुरानी किताब के हिसाब से दिए गए आंसर को गलत नहीं ठहरा सकते। 67 में से 44 स्टूडेंट्स ने बोनस मार्क्स की वजह से स्कोर किया 720/720
NTA ने कहा है कि जिन 67 स्टूडेंट्स को 720 मार्क्स मिले हैं उन सभी को टॉपर नहीं माना जाएगा। 67 में से 44 स्टूडेंट्स को आंसर की में बदलाव होने की वजह से बोनस मार्क्स मिले हैं। इस वजह से इन स्टूडेंट्स ने 720/720 का परफेक्ट स्कोर किया है। परफेक्ट स्कोर करने वाले सबसे ज्यादा 11 स्टूडेंट्स राजस्थान से हैं। इसके बाद तमिलनाडु के 8, महाराष्ट्र के 7, आंध्र प्रदेश और बिहार के 4-4 स्टूडेंट्स हैं। 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने NEET आंसर की पर जताई थी आपत्ति
दरअसल, एग्जाम में केमिस्ट्री के सेक्शन में एटम से रिलेटेड एक सवाल पूछा गया था। स्टूडेंट्स को सवाल के जवाब में ये बताना था कि क्वेश्चन के साथ दिए गए स्टेटमेंट में से कौन से दो स्टेटमेंट्स सही हैं। 29 मई को NTA ने NEET UG की प्रोविजनल आंसर की रिलीज की थी। इसमें ऑप्शन 1 को सही माना गया था। इस जवाब पर 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने पुरानी NCERT के आधार पर आपत्ति जताई थी। NTA की तरफ से प्रोविजनल आंसर की जारी होने पर जो ऑब्जेक्शन आए, उस पर जांच होने से ये पता चला कि इस सवाल का जवाब पुरानी और नई NCERT किताबों के हिसाब से अलग-अलग होगा। NTA ने सवाल के ऑप्शन 1 को सही माना है
पुरानी NCERT किताब के मुताबिक सही स्टेटमेंट थी कि हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं जबकि नई NCERT किताब में लिखा है कि ज्यादातर एलिमेंट्स के एटम स्टेबल होते हैं। इस क्वेश्चन के लिए ऑप्शन 1 सही है यानी पहली स्टेटमेंट करेक्ट और दूसरी गलत है। दरअसल, रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स के एटम स्टेबल नहीं होते हैं। ऐसे में ऑप्शन 1 यानी पहली स्टेटमेंट सही है लेकिन दूसरी गलत है, ये इस सवाल का सही जवाब होगा। 44 स्टूडेंट्स को मिले 5 बोनस मार्क्स, स्कोर पहुंचा 720/720
इस वजह से NTA ने उन सभी स्टूडेंट्स को 5 नंबर दिए जिन्होंने दोनों में से किसी भी स्टेटमेंट को मार्क किया था। NTA के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि इस वजह से कम से कम 44 स्टूडेंट्स जो 715 स्कोर कर रहे थे, उनके 5 मार्क्स बढ़ाकर 720 कर दिए गए। NCERT किताबें ही हैं NEET UG के लिए स्टैंडर्ड सिलेबस : NTA
NTA से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि ये एंट्रेंस एग्जाम के लिए स्टैंडर्ड सिलेबस NCERT किताबें ही हैं इसलिए हमने उन सभी स्टूडेंट्स को बोनस मार्क्स दिए हैं जिन्होंने ऑप्शन 3 मार्क किया था। थर्ड ऑप्शन के हिसाब से 1 और 2 दोनों स्टेटमेंट्स सही हैं। NTA से जुड़े अधिकारी ने कहा है कि हमारे देश में घर में अगर कोई बड़ा बच्चा है तो उसकी किताबों से छोटे बच्ची भी पढ़ाई करते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। हम सभी ऐसा करते आए हैं। हम स्टूडेंट्स से ये नहीं कह सकते हैं कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए आप हर साल लेटेस्ट एडिशन की किताब खरीदें। NTA के अधिकारी ने आगे कहा- ऐसी सिचुएशन दोबारा न बनें, इसके लिए हम काम करेंगे। फिलहाल, हमनें NCERT को क्लास 12 की NCERT किताबों के पुराने और नए एडिशन में अंतर को लेकर कुछ नहीं कहा है। इस साल NEET UG का एग्जाम हो चुका है इसमें अब NCERT भी कुछ नहीं कर सकती। आंसर की में बदलाव होने से बढ़ गई टॉपर्स की संख्या
NTA से जुड़े ऑफिसर ने ये भी कहा कि एक साथ कई स्टूडेंट्स का 720 स्कोर करने की प्रमुख वजह थी आंसर की में बदलाव होना। हालांकि, पिछले सालों की तुलना में इस साल क्वेश्चन पेपर भी आसान था और रिकॉर्ड स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। इसका सीधा प्रभाव टॉपर्स की संख्या पर भी पड़ा है। इस साल करीब 4 लाख ज्यादा स्टूडेंट्स ने किया था रजिस्ट्रेशन
इस साल कुल 23.81 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था जबकि पिछले साल कुल 20.87 स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। NTA के मुताबिक इस साल कुल 9,96,393 लड़कों,13,31,221 लड़कियों और 17 ट्रांसजेंडर कैंडिडेट्स ने NEET का एग्जाम दिया था। एग्जाम में ओवरऑल अटेंडेंस 96.92% था जबकि लड़कों का अटेंडेंस 96.92%, लड़कियों का अटेंडेंस 96.96% और ट्रांसजेंडर कैंडिडेट्स का अटेंडेंस 94.44% दर्ज किया गया। आंसर की में बदलाव से रिजर्व्ड सीटों पर फर्क नहीं पड़ेगा
NTA ने स्पष्ट किया है की आंसर की में हुए बदलाव का किसी भी कैटेगरी के लिए रिजर्व्ड सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। NTA ने कहा है कि जितनी सीटें पहले जनरल कैटेगरी के लिए ओपन हैं या किसी और कैटेगरी के लिए रिजर्व्ड हैं उसमें कोई बदलाव नहीं आएगा। पिछले साल की तुलना में एग्जाम भी आसान था। इस वजह से किसी भी स्टूडेंट को कोई परेशानी नहीं आएगी। टाई ब्रेकर पॉलिसी की मदद से बनी है मेरिट लिस्ट : NTA
NTA ने कहा है कि 67 स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल किया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की सभी स्टूडेंट्स को AIIMS में एडमिशन नहीं मिलेगा। ऐसी सिचुएशन के लिए हमारे पास टाई-ब्रेकर पॉलिसी भी है। मेरिट लिस्ट में स्टूडेंट्स ये चेक कर सकते हैं कि उन्होंने वाकई में कितना स्कोर किया है और उनकी पोजिशन कहां है। हर स्टूडेंट के स्कोर कार्ड के सब्जेक्ट वाइज स्कोर की डिटेल्स भी हैं। 2019 के बाद NEET UG में कभी नहीं आए 3 से ज्यादा टॉपर्स
2019 से किसी भी साल NEET UG एग्जाम में तीन से ज्यादा स्टूडेंट्स टॉपर्स नहीं बने हैं। 2019 और 2020 में हर साल सिर्फ एक स्टूडेंट ने एग्जाम में टॉप किया जबकि 2021 में तीन स्टूडेंट्स, 2022 में एक स्टूडेंट और 2023 में दो स्टूडेंट्स ने टॉप किया। NEET UG देश के मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाला एक मात्र एंट्रेंस एग्जाम है।