यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी 𝐔𝐏𝐒𝐂 ने लैटरल एंट्री के जरिए सीधे 𝟒𝟓 जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की नौकरियां निकाली हैं। इसका नोटिफिकेशन शनिवार 17 अगस्त को जारी किया गया है। जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी की 10 पोस्ट होम मिनिस्ट्री, फाइनेंस और स्टील मिनिस्ट्री में हैं। एग्रीकल्चर एवं किसान कल्याण, नागरिक उड्डयन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में डायरेक्टर /डेप्युटी सेक्रेटरी लेवल की 35 पोस्ट भरी जाएंगी। एलिजिबल कैंडिडेट्स 17 सितंबर, 2024 तक ऑफिशियल वेबसाइट upsconline.nic.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। इस नोटिफिकेशन के जरिए सीधे इन पदों पर भर्ती की जाएगी। इससे पहले 2019 में भी इन पदों पर भर्तियां की गईं थीं। विपक्ष ने लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है और इस नोटिफिकेशन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने भी इस लैटरल एंट्री का विरोध किया और कहा इससे SC, ST और OBC को नुकसान होगा। मोदी सरकार जानबूझकर ये कर रही है। इससे ऐसे लोग जो नीचे के पदों पर हैं उन्हें ये पोस्ट्स नहीं मिल पाएंगी, क्योंकि इससे IAS अधिकारी जो लंबे समय तक पोस्ट पर हैं वे भी इससे वंचित रह जाएंगे। प्रोफेसर और इतिहासकार डॉ जितेंद्र मीणा ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- बिना IAS की परीक्षा दिए अब तक 52 लोगों को सेक्रेटरी, डायरेक्टर बनाया जा चुका है। एक बार फिर ऐसा होने जा रहा है न आरक्षण न कोई नियम-कानून। तेजस्वी यादव ने लिखा- SC-ST को पद देने से बचना चाहती है सरकार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इस रिक्रूटमेंट नोटिफिकेशन के बाद मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘इसमें किसी भी तरह के आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर 𝐔𝐏𝐒𝐂 यही भर्ती सिविल सर्विस परीक्षा के जरिए करती उसे 𝐒𝐂, S𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 को आरक्षण देना पड़ता यानी 𝟒𝟓 में से 𝟐𝟐-𝟐𝟑 कैंडिडेटस दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से सिलेक्ट करने होते। ‘ लैटरल एंट्री के लिए क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
यह सरकारी नौकरी तीन सालों के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेस पर होगी। जॉइंट सेक्रेटरी पद पर 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल का वर्क एक्सपीरियंस मांगr गया है। वहीं, पदों के हिसाब से एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी निर्धारित की गई है। इसकी डिटेल्स कैंडिडेट्स ऑफिशियल नोटिफिकेशन से चेक कर सकते हैं। ऑफिशियल नोटिफिकेशन का लिंक ये जॉब तीन सालों के कॉन्ट्रेक्ट बेस पर होगी। जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल का वर्क एक्सपीरियंस मांगा गया है। वहीं, पदों के हिसाब से एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी निर्धारित की गई है। इसकी डिटेल्स कैंडिडेट्स ऑफिशियल नोटिफिकेशन पर चेक कर सकते हैं। सिविल सर्विसेस के बाद ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया जाता है सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करने और बतौर सिविल सर्वेंट ऑफिसर लंबा कार्यकाल पूरा करने के बाद ही ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए एलिजिबल होते हैं। लैटरल एंट्री के जरिए आप बिना किसी एग्जाम के सीधे इस पद पर नौकरी पा सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर्स के एक्सपर्ट्स के लिए तो यह बेहतरीन मौका है।