Saturday, July 27, 2024
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आर प्रगनानंद ने वर्ल्ड नंबर-2 फैबियानो कारूआना को हराया:नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के पांचवें राउंड में जीते, वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में आए

भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में अपनी अविश्वसनीय बढ़त जारी रखी। दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन को हराने के बाद, प्रगनानंद ने शनिवार देर रात दुनिया के नंबर-2 फैबियानो कारूआना को हराया। इस जीत से प्रगनानंद को वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में पहुंचने में मदद मिली। टूर्नामेंट में इससे पहले प्रगनानंद ने बुधवार 29 मई को स्टावांगर में नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के तीसरे दौर में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन पर अपनी पहली क्लासिकल जीत दर्ज की थी। कार्लसन के घर में ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय ग्रैंडमास्टर ने टॉप-6 खिलाड़ियों के इस टूर्नामेंट के ओपन सेक्शन में बढ़त हासिल की थी। सफेद मोहरों से खेलते हुए, पिछले साल के FIDE वर्ल्ड कप उपविजेता ने कार्लसन को हराया था। फिलहाल आर प्रगनानंद 8.5 रेटिंग के साथ तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 5 मुकाबलों में से 2 जीते, 1 हारा और 2 मैच ड्रॉ रहे। वैशाली 5 राउंड के बाद पहले नंबर पर
प्रगनानंद की बहन आर वैशाली ने आर्मागेडन टाई-ब्रेकर में चीन की लेई टिंगजी को चेकमेट करके अपनी बढ़त बढ़ा ली। वे पांच राउंड के बाद विमेंस कैटेगरी में 10 रेटिंग पॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर हैं। उन्होंने 5 मैचों में 2 मुकाबले जीते और 3 ड्रॉ रहे। नाकामुरा की रेटिंग 2800+ पहुंची, प्रगनानंद को हराया
नॉर्वे चेस के मेन इवेंट में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा ने वर्ल्ड चैंपियन डिंग लिरेन को हराया। नौ साल में पहली बार नाकामुरा की रेटिंग 2800 से अधिक पहुंची, क्योंकि उन्होंने लिरेन को लगातार तीसरी बार हराया है, जो लाइव रेटिंग लिस्ट में टॉप-10 दस से बाहर हैं। प्रगनानंद को चौथे राउंड में क्लासिकल गेम में हिकारू नाकामुरा ने हराया। अमेरिकी खिलाड़ी ने काले मोहरों के साथ 86 चालों में जीत हासिल की, क्योंकि प्रगनानंद ने शुरुआत में अपना घोड़ा खो दिया और ज्यादा फायदा उठाने में विफल रहे। एक अन्य रोमांचक मैच में मैग्नस कार्लसन ने क्लासिकल गेम में अलीरेजा फिरौजा को हराया। कुल नौ अंकों के साथ कार्लसन टूर्नामेंट में नाकामुरा से सिर्फ एक अंक पीछे हैं, जबकि भारतीय खिलाड़ी 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। पिता बैंक में काम करते हैं, मां हाउस वाइफ
प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ। उनके पिता स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में काम करते हैं, जबकि मां नागलक्ष्मी एक हाउसवाइफ हैं। उनकी एक बड़ी बहन वैशाली आर हैं। वैशाली भी शतरंज खेलती हैं। प्रगनानंदा का नाम पहली बार चर्चा में तब आया, जब उन्होंने 7 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियनशिप जीत ली। तब उन्हें फेडरेशन इंटरनेशनल डेस एचेक्स (FIDE) मास्टर की उपाधि मिली। प्रगननंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। वे 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए और सबसे कम उम्र में यह उपाधि हासिल करने वाले भारतीय बने। इस मामले में प्रगनानंदा ने भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले, वे 2016 में यंगेस्ट इंटरनेशनल मास्टर बनने का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं। तब वे 10 साल के ही थे। चेस में ग्रैंडमास्टर सबसे ऊंची कैटेगरी वाले खिलाड़ियों को कहा जाता है। इससे नीचे की कैटेगरी इंटरनेशनल मास्टर की होती है। सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर
चेन्नई के रहने वाले प्रगनानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।

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