Saturday, July 27, 2024
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चैंपियन बनने के 3 दावेदार:रोहित की कप्तानी में 78% मैच जीतता है भारत, ऑस्ट्रेलिया के मार्श का सक्सेस रेट 87%

24 सितंबर, 2007। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 13 रन चाहिए, 9 विकेट गिर चुके। मिसबाह उल हक 3 छक्के मारकर 37 रन पर खेल रहे। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने गेंद जोगिंदर शर्मा को पकड़ाई। पहली गेंद वाइड, अगली गेंद खाली, दूसरी बॉल पर मिस्बाह ने चौथा छक्का जड़ा और स्टेडियम में सन्नाटा छा गया। अब 4 गेंदों पर सिर्फ 6 रन चाहिए, सन्नाटा और गहरा हो गया। जोगिंदर ने तीसरी गेंद फेंकी और मिसबाह ने स्कूप किया। गेंद हवा में, लगा जैसे एक और छक्का जाएगा, बॉल ट्रैवल करते हुए फाइन लेग पर श्रीसंत के हाथों में समा गई। टीम इंडिया ने पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता और देश जश्न में डूब गया। 9वां टी-20 वर्ल्ड कप कल यानी 2 जून से शुरू हो रहा है। कोई भी टीम चैंपियन बन सकती है, लेकिन भारत के साथ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस बार ट्रॉफी जीतने की सबसे बड़ी दावदेार मानी जा रही हैं। वर्ल्ड कप इंडेप्थ रिपोर्ट के पार्ट-7 में आज बात टूर्नामेंट जीतने के 3 दावेदारों की… ऑस्ट्रेलिया:वर्ल्ड कप की ट्रिनिटी पूरी करने का मौका ऑस्ट्रेलिया की टीम ICC ट्रॉफी जीतने के मामले में चैंपियन टीम रही है। 2021 से अब तक ऑस्ट्रेलिया की मेंस टीम टी-20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीत चुकी है। हालांकि, एक ही समय में ये तीनों खिताब उसके पास नहीं रहे। अब ऑस्ट्रेलिया के पास इसका मौका है। अभी ऑस्ट्रेलिया वनडे और टेस्ट की वर्ल्ड चैंपयन है। टी-20 जीतते ही उसकी वर्ल्ड कप की ट्रिनिटी पूरी हो जाएगी। वो ऐसा करने वाली दुनिया की पहली टीम बनेगी।
4 फैक्टर्स जो ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बनने का दावेदार बना रहे… फैक्टर-1: टी-20 वर्ल्ड कप में 63% मैच जीते अब तक 8 टी-20 वर्ल्ड कप हुए हैं और ऑस्ट्रेलिया ने सभी में हिस्सा लिया है। इनमें ऑस्ट्रेलिया ने 40 मैच खेले, 25 जीती और 15 हार गई। यानी 62.5% मैचों में जीत मिली। ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप में अपने 40 में से 8 मुकाबले नॉक आउट राउंड में खेला। इसमें उसे 4 में जीत और 4 में हार मिली। फैक्टर-2: वेस्टइंडीज खेल चुकी है फाइनल ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज की जमीन पर 53% टी-20 मुकाबले ही जीते हैं। टीम ने यहां 15 मैच खेले, 8 जीते और 7 गंवाए। हालांकि, 2010 में ऑस्ट्रेलिया की टीम यहां हुए टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। ऑस्ट्रेलिया यहां 2007 में वनडे वर्ल्ड कप भी जीता है। टीम ग्रुप स्टेज में अपने चार मैच वेस्टइंडीज के तीन मैदानों पर खेलेगी। फैक्टर-3: कप्तान मिचेल मार्श ने जिताए 88% टी-20
मिचेल मार्श टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभालेंगे। मार्श की कप्तानी में कंगारू टीम ने 8 मैच खेले और 7 में जीत मिली, यानी 87.5% मैचों में जीत मिली। मार्श ने साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को 3 सीरीज जिताईं। 2022 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद ऑस्ट्रेलिया का फॉर्म भी पॉजिटिव रहा। टीम ने 14 मैचों में 6 बार 200 प्लस के स्कोर बनाए और 64% मैचों में जीत हासिल की। टीम का रन रेट भी 10 से ज्यादा का रहा, हालांकि 9.38 की इकोनॉमी से रन देना चिंताजनक साबित हो सकता है। फैक्टर-4: 9 प्लेयर्स को 10 से ज्यादा वर्ल्ड कप मैच का अनुभव
ऑस्ट्रेलिया ने अपने स्क्वॉड में अनुभवी प्लेयर्स को प्राथमिकता दी। टीम के 15 में से 13 प्लेयर्स ने 20 से ज्यादा टी-20 खेले हैं। इनमें भी 9 खिलाड़ियों को 10 से ज्यादा टी-20 वर्ल्ड कप मैच खेलने का एक्सपीरियंस भी है। कभी वर्ल्ड कप नहीं खेलने वाले प्लेयर्स में भी कैमरन ग्रीन और नाथन एलिस जैसे टी-20 में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं। डेविड वॉर्नर 3099 रन बनाकर टीम के टॉप रन स्कोरर हैं, वहीं एडम जम्पा 92 विकेट के साथ टॉप गेंदबाज हैं। पॉसिबल प्लेइंग-11: मिचेल मार्श (कप्तान), डेविड वॉर्नर, ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिश (विकेटकीपर), ग्लेन मैक्सवेल, टिम डेविड, एश्टन एगर, पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और एडम जम्पा।
एक्स्ट्रा: नाथन एलिस, कैमरन ग्रीन, मार्कस स्टोयनिस, मैथ्यू वेड। ​​​​​ 2. इंग्लैंड: 3 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाला पहला देश बनने का मौका इंग्लैंड 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए 8वें टी-20 वर्ल्ड कप की चैंपियन टीम है। इससे पहले वह 2010 में भी ट्रॉफी जीत चुकी है। इंग्लैंड के अलावा सिर्फ वेस्टइंडीज ही दो बार टी-20 वर्ल्ड चैंपियन बन पाया है। इस बार अगर इंग्लैंड जीतती है तो वह इस फॉर्मेट में तीन वर्ल्ड टाइटल जीतने वाली पहली टीम बन जाएगी। इंग्लैंड की टीम टी-20 फॉर्मेट में दुनिया की सबसे संतुलित टीम मानी जाती है। टीम की प्लेइंग-11 में हमेशा 7 बॉलिंग ऑप्शंस होते हैं और बैटिंग में नंबर-10 तक डेप्थ होती है। जोफ्रा आर्चर की वापसी से टीम की गेंदबाजी मजबूत हुई है। 4 फैक्टर्स जो इंग्लैंड को चैंपियन बनने का दावेदार बना रहे… फैक्टर-1: पिछले 3 टी-20 वर्ल्ड कप में नॉकआउट स्टेज खेला इंग्लैंड ने टी-20 वर्ल्ड कप में 44 मैच खेले और 24 में उसे जीत मिली है। यानी 55% में सफलता। 19 मुकाबले गंवाए भी हैं। एक मैच बेनतीजा रहा। 2007 और 2009 में सुपर-8 स्टेज से बाहर होने के बाद 2010 में टीम चैंपियन बनी। 2012 और 2014 में इंग्लिश टीम फिर ग्रुप स्टेज से बाहर हुई और सेमीफाइनल में क्वालिफाई नहीं कर सकी। 2016 में टीम का अप्रोच अटैकिंग था और वह रनर-अप बनी। टीम ने फिर 2021 में भी नॉकआउट स्टेज खेला, लेकिन सेमीफाइनल हारकर बाहर हो गई। 2022 में इंग्लैंड ने खिताब जीता। फैक्टर-2: वेस्टइंडीज में वर्ल्ड कप जीत चुकी है टीम इंग्लैंड की टीम वेस्टइंडीज में 2010 में टी-20 वर्ल्ड कप जीत चुकी है। ओवरऑल इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज में 24 मैच खेले, 13 जीते और 10 गंवाए। एक मैच बेनतीजा भी रहा। यानी, 54% मैचों में जीत मिली। फैक्टर-3: बटलर की ही कप्तानी में पिछला वर्ल्ड कप जीता
जोस बटलर 2024 में भी इंग्लैंड की कप्तानी करेंगे। उनकी लीडरशिप में टीम ने 2022 के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। बटलर ने 32 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की, टीम ने 17 मैच जीते और 14 गंवाए भी। यानी जीत परसेंटेज 53% का रहा। टीम अभी घरेलू सीरीज में पाकिस्तान को 2-0 से हराकर आ रही है। फैक्टर-4: स्क्वॉड के 10 प्लेयर्स 2022 के विनिंग स्क्वॉड का हिस्सा
इंग्लिश स्क्वॉड में शामिल 15 में से 10 प्लेयर्स ने 2022 में वर्ल्ड कप भी जीता था। 6 ने तो 10 से ज्यादा टी-20 वर्ल्ड कप मैच भी खेले हैं। अब तक वर्ल्ड कप नहीं खेलने वाले प्लेयर्स में जोफ्रा आर्चर जैसे अनुभवी और विल जैक्स, हैरी ब्रूक जैसे टी-20 के उभरते सितारे शामिल हैं। स्क्वॉड के 5 प्लेयर्स को 70 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। इनमें कप्तान जोस बटलर टीम के टॉप रन स्कोरर हैं, उन्होंने 3011 रन बनाए हैं। आदिल रशीद 108 विकेट लेकर टीम के टॉप विकेट टेकर हैं। पॉसिबल प्लेइंग-11: जोस बटलर (कप्तान और विकेटकीपर), फिल सॉल्ट, विल जैक्स, जॉनी बेयरस्टो, हैरी ब्रूक, लियम लिविंगस्टन, मोईन अली, सैम करन, जोफ्रा आर्चर, आदिल रशीद और मार्क वुड।
एक्स्ट्रा: बेन डकेट, क्रिस जॉर्डन, टॉम हार्टली, रीस टॉप्ली। 3. भारत: 17 साल का खिताबी सूखा खत्म करने का मौका भारत ने पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से इस फॉर्मेट में 28 में से 18 मैच जीते हैं। 64% की सक्सेस रेट की बदौलत भारत इस समय टी-20 में दुनिया की नंबर-1 टीम है। हालांकि, एक सच यह भी है कि भारतीय टीम 2007 के बाद से कभी टी-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई है। वहीं, 2013 के बाद से हमारी टीम बाकी फॉर्मेट में भी कोई ICC ट्रॉफी नहीं जीत सकी है। फैक्टर-1: टी-20 वर्ल्ड कप में 61% मैच जीते इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने अब तक 44 मैच खेले, 27 जीते और 15 गंवाए। इस दौरान एक मैच टाई और एक बेनतीजा भी रहा। टीम का विनिंग परसेंटेज 61% रहा है। फैक्टर-2: वेस्टइंडीज में 50%, अमेरिका में 63% टी-20 जीते
टीम इंडिया को अमेरिका और वेस्टइंडीज दोनों ही जगह टी-20 खेलने का अनुभव है। अमेरिका में टीम ने 8 टी-20 खेले, 5 जीते और 2 गंवाए, एक मैच बेनतीजा रहा। यानी जीत परसेंटेज करीब 63% रहा। अमेरिका के ही 2 मैदानों पर टीम ग्रुप स्टेज के 4 मैच खेलेंगी, 9 जून को पाकिस्तान के खिलाफ अहम मुकाबला भी न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में ही खेला जाएगा। टीम इंडिया अगर सुपर-8 स्टेज में पहुंची तो वहां के सभी मैच वेस्टइंडीज में खेले जाएंगे। यहां भी टीम को 14 टी-20 खेलने का अनुभव है, 7 में भारत को जीत और 7 में हार मिली। यानी 50% विनिंग परसेंटेज रहा। फैक्टर-3: कप्तान रोहित 78% टी-20 जिता चुके
टीम इंडिया एक बार फिर रोहित शर्मा की कप्तानी में टी-20 वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी। पिछली बार टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। रोहित की कप्तानी में भारत ने 54 मैच खेले और 41 मैचों में जीत हासिल की। महज 12 में टीम को हार मिली, जबकि एक मैच टाई रहा। टाई मुकाबला भी भारत ने सुपरओवर में जीत लिया था। यानी रोहित ने ओवरऑल 78% टी-20 भारत को जिताए हैं। रोहित भारत के लिए सभी टी-20 वर्ल्ड कप खेलने वाले एकमात्र प्लेयर भी हैं। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से भी टीम इंडिया ने 64% जीते हैं। टीम ने 28 मैच खेले और 18 में जीत हासिल की, 2 मुकाबले टाई रहे, वहीं एक बेनतीजा भी रहा। भारत ने इस दौरान 8 बार 200+ के स्कोर बनाए, टीम का रन रेट 9.33 का रहा। वहीं गेंदबाजों ने 8.05 की इकोनॉमी से ही रन खर्च किए। फैक्टर-4: 9 प्लेयर्स टी-20 वर्ल्ड कप खेल चुके
भारत के स्क्वॉड में 15 में से 13 खिलाड़ियों को 20 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। बाकी 2 प्लेयर्स ने भी 10 से ज्यादा टी-20 मैच खेले हैं। स्क्वॉड के 9 प्लेयर्स इससे पहले भी टी-20 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं, इनमें भी 6 ने 10 प्लस मैच खेले हैं। कप्तान रोहित और पूर्व कप्तान विराट कोहली को 115 से ज्यादा टी-20 खेलने का अनुभव हैं। दोनों टी-20 इंटरनेशनल के टॉप-3 रन स्कोरर का हिस्सा भी हैं। विराट ने सबसे ज्यादा 4037 और रोहित ने 3974 रन बनाए हैं। युजवेंद्र चहल 96 विकेट लेकर टीम के टॉप बॉलर हैं, हालांकि उन्हें अगर मैच खेलने का मौका मिला तो यह उनका पहला ही टी-20 वर्ल्ड कप मैच होगा। पॉसिबल प्लेइंग-11: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन (विकेटकीपर), शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह।
एक्स्ट्रा: ऋषभ पंत, मोहम्मद सिराज, युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल। ******* ग्राफिक्स: कुणाल शर्मा, अंकित पाठक
स्केच: संदीप पाल ————————- कल वर्ल्ड कप इंडेप्थ रिपोर्ट-8 में पढ़िए टूर्नामेंट का A टु Z: 12 साल बाद ग्रुप स्टेज लौटा, 6 अलग टाइमिंग पर मुकाबले; सेमीफाइनल में रिजर्व-डे नहीं कल से ICC के सबसे छोटे फॉर्मेट का 9वां वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है, जिसमें पहली बार 20 टीमें हिस्सा खेलेंगी। भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में हैं, दोनों टीमें 9 जून को न्यूयॉर्क में भिड़ेंगी। टूर्नामेंट में पहली बार एक ही दिन 27 जून को दोनों सेमीफाइनल होंगे, जिनमें से एक के लिए रिजर्व-डे ही नहीं रखा गया। पूरी खबर पढ़िए कल… वर्ल्ड कप की ये खबरें भी पढ़िए… ‘सट्टेबाजी के गढ़’ में टी-20 वर्ल्डकप:सालाना 10 लाख करोड़ की स्पोर्ट्स बेटिंग करते हैं अमेरिकी क्रिकेट का खेल दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका में भी पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका 2 जून से शुरू हो रहे 9वें टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि वहां सट्टेबाजी की क्या स्थिति है? क्या अमेरिका में इसे कानूनी मान्यता मिली हुई है? अमेरिका का सट्टेबाजी इकोसिस्टम भारत से कितना अलग है? सभी सवालों का जवाब आगे जानते हैं। पढ़ें पूरी खबर… IPL के ठीक बाद टी-20 वर्ल्डकप से भारत को खतरा: अब तक 3 टूर्नामेंट खेले, तीनों बार ग्रुप स्टेज से बाहर यह चौथा मौका है जब भारतीय टीम IPL सीजन खत्म होने के दो सप्ताह के अंदर टी-20 वर्ल्ड कप में खेलने उतरेगी। इससे पहले के तीन मौके भारत के लिए सुखद नहीं रहे। भारतीय टीम 2009, 2010 और 2021 में IPL के 6 से 12 दिन बाद ही टी-20 वर्ल्ड खेलने उतरी। इन तीनों मौकों पर टीम इंडिया ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी। पढ़ें पूरी खबर…

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