NEET UG एग्जाम के पेपर लीक की जांच कर रहे अधिकारियों ने दावा किया है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही स्टूडेंट्स को पेपर मिल गया था। लगभग 20 स्टूडेंट्स के पास क्वेश्चन पेपर के साथ आंसर-की पहुंच गई थी। 5 मई को हुए NEET एग्जाम पर पेपर लीक के आरोप लग रहे थे, जिसे लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट भी किया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, NEET पेपर लीक की जांच कर रहे एक टॉप ऑफिशियल ने 9 मई को बताया है कि बिहार के अलग-अलग जगहों से एस्पिरेंट्स को पटना के रामकृष्ण नगर में एक किराए के मकान पर लाया गया, जहां उन्हें क्वेश्चन पेपर उपलब्ध कराए गए। इस मामले में चार एस्पिरेंट्स और उनके माता पिता सहित कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। गुजरात में 10 लाख में पर्चा हल कर रहे थे सॉल्वर
PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात पुलिस ने बताया कि राज्य के पंचमहल जिले के गोधरा में परीक्षा के दौरान मदद करने में संलिप्त होने के कारण एक स्कूल टीचर और दो अन्य के खिलाफ क्रिमिनल केस रजिस्टर हुआ है। उन पर NEET UG एग्जाम में शामिल 6 कैंडिडेट्स से 10-10 लाख रुपये लेकर पेपर हल कराने का आरोप है। NTA ने कहा था पेपर लीक नहीं हुआ
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सोमवार को NEET UG एग्जाम के पेपर लीक होने के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। इसके लिए NTA ने आधिकारिक नोटिस जारी किया था। NTA अधिकारी ने बताया था कि राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक सेंटर और छत्तीसगढ़ के बालोद सेंटर पर हिंदी मीडियम की जगह इंग्लिश मीडियम का पेपर बांट दिए गए थे। यहां से कुछ छात्र पेपर लेकर भाग गए। इनमें से ही किसी ने पेपर वायरल किया होगा। हालांकि तब तक पेपर शुरू हो चुका था, इसलिए इसे पेपर लीक नहीं माना जाएगा। पूरी खबर पढ़ें बिहार में 9 लोग गिरफ्तार हुए
उधर, बिहार में NEET की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 9 लोग गिरफ्तार किए गए। पटना पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 3 मेडिकल स्टूडेंट हैं। वहीं, पूर्णिया से भी 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। सभी मेडिकल स्टूडेंट हैं। महाराष्ट्र के नवी मुंबई से भी एक डमी फर्जी कैंडिडेट की गिरफ्तारी हुई है। 571 शहरों में हुई NEET UG परीक्षा
NTA ने देश भर के 557 शहरों और विदेश के 14 शहरों में कई परीक्षा केंद्रों पर NEET UG 2024 परीक्षा आयोजित की। इस साल, कुल 23 लाख स्टूडेंट्स ने NEET UG परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। इनमें से 10 लाख से ज्यादा लड़के, 13 लाख से अधिक लड़कियां और 24 छात्र थर्ड जेंडर के थे।