Saturday, July 27, 2024
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न्यूयॉर्क की पिच इतनी मुश्किल क्यों:तैयारी के लिए समय कम मिला, 10 दिन में 8 मैच रखे गए; औसत स्कोर 105 रन

5 मैच, 10 पारियां और औसत स्कोर महज 105 रन। यह हाल है टी-20 वर्ल्ड कप होस्ट कर रहे न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम की पिचों का। यहीं रविवार को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ महज 119 रन बनाने के बावजूद 6 रन से मैच जीत लिया। न्यूयॉर्क में अब तक गेंदबाजों को बहुत ज्यादा मदद और बैटर्स के लिए खतरनाक उछाल देखने को मिली है। अब न्यूयॉर्क के आंकड़ों को मई में खत्म हुए IPL से कॉम्पेयर कीजिए। IPL के पिछले सीजन में हर पारी में औसतन 180 रन बन रहे थे। तो आखिरी ऐसी क्या बात है जिससे न्यूयॉर्क की पिचें बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हो रही है? तैयारी के लिए वक्त कम मिला
न्यूयॉर्क के नसाउ स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच लगाई गई है। जिसे 5 महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका लाया गया। पिच फ्लोरिडा में रखी गई और अप्रैल में ही न्यूयॉर्क पहुंची। ड्रॉप-इन पिच को बनने से लेकर मैच के लिए रेडी होने में करीब 9 महीने लगते हैं। जहां इसका इस्तेमाल होना है, वहां भी 3 से 4 महीने का वक्त चाहिए होता है। नसाउ में पिच पर ठीक से रोलिंग और मैंटेनेंस का टाइम कम मिला, इसलिए पिच पूरी तरह तैयार नहीं है। तैयार नहीं होने के बावजूद यहां वर्ल्ड कप मैच शुरू हो गए, जिसका नतीजा सबके सामने है। गेंदबाजों को असमान उछाल मिल रही है, बल्लेबाजों को परेशानी हो रही है, जिस कारण स्कोरिंग रेट भी तेजी से गिर गया। असमान बाउंस की वजह क्या है?
चीफ पिच क्यूरेटर डैमियन हॉग ने बताया कि नसाउ में पिच के कई हिस्सों पर घास उगी हुई है। घास को सेटल होने का टाइम नहीं मिला, इससे ही असमान उछाल देखने को मिल रहा है। न्यूयॉर्क के ठंडे मौसम के कारण भी यहां गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल रही है। सुबह हो रहे मैच के कारण पिच पर नमी रहती है, इससे बॉल का मूवमेंट बहुत ज्यादा है। भारत-पाकिस्तान मैच से पहले घास को काटा गया, इससे पिच पर असमान उछाल कम देखने को मिला। इसके बावजूद शॉट मेकिंग में परेशानी बनी रही। नसाउ स्टेडियम में क्यों लगाई गई ड्रॉप-इन पिच?
न्यूयॉर्क का नसाउ स्टेडियम जनवरी 2023 तक एक खाली जमीन था। ICC ने पिछले साल दिसंबर में यहां वर्ल्ड कप के लिए ही मॉड्यूलर यानी टेम्पररी स्टेडियम बनवाना शुरू किया। न्यूयॉर्क में दिसंबर से मार्च तक ठंडे मौसम के कारण वहां पिच बनाना पॉसिबल नहीं था, इसलिए ऑस्ट्रेलिया में बनी ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया गया। समंदर के रास्ते ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका पहुंचीं 10 पिच
ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में न्यूयॉर्क स्टेडियम के लिए 10 पिचें​​​​​​ बनाई गईं। करीब 30 टन वजनी पिच को पिछले साल दिसंबर में समंदर के रास्ते अमेरिका के फ्लोरिडा शहर पहुंचाया गया। फ्लोरिडा में 5 महीने तक पिच को तैयार किया और अप्रैल में नसाउ स्टेडियम में फिट कर दिया गया। 10 पिच को सड़क के रास्ते फ्लोरिडा से न्यूयॉर्क पहुंचाने में करीब 4 दिन का समय लगा। इसके लिए 30 टन से ज्यादा वर्कलोड उठाने वाले ट्रक और कंटेनर का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान आम जनता के लिए सड़क को बंद कर दिया गया था, ताकि पिच ट्रांसपोर्टेशन में कम टाइम लग सके। 4 पिच लगाईं, 3 पर स्कोरिंग मुश्किल
ऑस्ट्रेलिया से आई 10 में से 6 प्रैक्टिस के लिए और 4 मैच के लिए हैं। 4 में से 3 पिच पर अब तक 5 ग्रुप मैच और एक वॉर्म-अप मैच खेला गया। तीनों पर ही बैटिंग मुश्किल रही, गेंदबाजों को मदद मिली और स्कोरिंग बहुत धीमे रही। टाइम कम होने के कारण प्रैक्टिस मैच भी नहीं हुए
ड्रॉप-इन पिच पर इंटरनेशनल मैच कराने से पहले कई बार टेस्टिंग होती है। यहां घरेलू मैच भी होते हैं, जिससे बाउंस और स्विंग का पता चल सके। न्यूयॉर्क में ऑर्गनाइजर्स के सामने एक आम जमीन को 106 दिनों के अंदर स्टेडियम में बदलने की चुनौती थी। यहां प्रैक्टिस मैच का समय ही नहीं मिल सका, इस कारण टेस्टिंग नहीं हुई, जिसका असर वर्ल्ड कप में दिख रहा है। न्यूयॉर्क में एक और मैच खेलेगा भारत
अमेरिका के 3 शहरों न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा और टेक्सस में वर्ल्ड कप के कुल 16 मैच होने हैं। न्यूयॉर्क में टूर्नामेंट के लिए मॉड्यूलर स्टेडियम बनाया गया, वहीं बाकी 2 वेन्यू पर पहले से क्रिकेट मैच हो रहे हैं। न्यूयॉर्क में टेम्पररी स्टेडियम है, लेकिन वेन्यू को 8 मैचों की मेजबानी मिल गई। जिनमें से 5 मैच हो चुके हैं और बाकी 3 मैच अगले 3 दिन में ही होने हैं। यहां 12 जून को भारत होम टीम अमेरिका से भिड़ेगा। इस मैदान पर यही आखिरी मैच भी रहेगा। कम दिन में ज्यादा मैच भी परेशानी
न्यूयॉर्क में वॉर्म-अप मैच एक जून को खेला गया, 5 जून तक यहां तक 2 और मैच हुए। ICC ने फिर बयान जारी कर कहा कि पिच पर असमान उछाल देखने को मिला और इसकी आलोचना जायज है। इसलिए स्टेडियम की पिच को सुधारने का काम किया जा रहा है। हालांकि, ICC के बयान के बाद स्टेडियम में लगातार मैच हुए, इससे सुधार का टाइम कम मिला। 7 से 9 जून तक हर दिन यहां एक मैच हुआ। अब 12 जून तक यहां लगातार 3 और मैच होंगे। पिच वैसे ही तरह तैयार नहीं है, ऊपर से लगातार मैच होने के कारण पिच के हालात और भी ज्यादा खराब हो रहे हैं। नया नहीं क्रिकेट में ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल
ड्रॉप-इन पिच का उपयोग क्रिकेट में नया नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड और न्यूजीलैंड के ऑकलैंड स्टेडियम में 2013 से ही ड्रॉप-इन पिच पर मैच कराए जा रहे हैं। दोनों जगह वर्ल्ड कप के मैच भी कराए जा चुके हैं। हालांकि, दोनों ही जगह पिच आस-पास के शहरों में ही बनाई गई। जबकि न्यूयॉर्क के लिए ऑस्ट्रेलिया से पिच लेकर गए, उसे फ्लोरिडा में तैयार किया और फिर स्टेडियम में फिट किया गया।

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