Saturday, July 27, 2024
HomeGovt Jobsपीएससी टॉपर अंकिता बोलीं- ये तीसरा अटैम्प्ट था:2019-2020 में एग्जाम क्लीयर नहीं...

पीएससी टॉपर अंकिता बोलीं- ये तीसरा अटैम्प्ट था:2019-2020 में एग्जाम क्लीयर नहीं हुआ तो डि-मोटिवेट हुई, तब फैमिली ने संभाला

एमपी पीएससी ने गुरुवार को राज्य सेवा परीक्षा-2021 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। इसमें रायसेन की अंकिता पाटकर ने टॉप किया है। अंकिता ने 1575 में 942 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहीं। उनका ये तीसरा अटैम्प्ट था। एमपी टॉपर अंकिता से दैनिक भास्कर से बातचीत की। अंकिता ने शुरू से लेकर अब तक की अपनी जर्नी को बताई। उन्हीं से जानिए उनके डिप्टी कलेक्टर बनने का सफर कैसा रहा… स्कूल से ही स्ट्रांग हो गए थे बेसिक्स मैं अंकिता पाटकर, मध्यप्रदेश के रायसेन की रहने वाली हूं। मेरे पिता दौलतराम पाटकर पोस्ट ऑफिस एजेंट हैं। मां चंद्रकला पाटकर हाल ही में सहायक शिक्षिका के पद से रिटायर हुई हैं। मेरे 5 भाई-बहन हैं। हम सभी पांच बहनें सरकारी जॉब में हैं। भाई सबसे छोटा है, जो पीएससी की तैयारी कर रहा है। मेरी प्राइमरी की पढ़ाई रायसेन के करियर ब्राइट कॉन्वेंट स्कूल से हुई। इसके बाद नवोदय विद्यालय बाड़ी का एग्जाम दिया। उसके लिए मुझे मेरी बड़ी बहन सुमन पटवा ने पढ़ाया और गाइड किया। मैंने एग्जाम क्लीयर कर लिया था। नवोदय विद्यालय में पढ़ाई अच्छी होती है। नवोदय विद्यालय से मेरे बेसिक्स बहुत स्ट्रांग हो गए। हर सब्जेक्ट को लेकर मेरे कॉन्सेप्ट काफी डेवेलप थे। फिर मैंने भोपाल के इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस हायर एजुकेशन (आईईएचई) भोपाल से मैथेमेटिक्स ऑनर्स और फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। वहां से भी मुझे काफी मदद मिली। कॉलेज में रेगुलर क्लासेस लगती थी, लैब में एक्सपेरिमेंट होते थे। उससे भी कॉन्सेप्ट और बेहतर होते गए। साथ को-करिकूलर एक्टिविटीज से एक्सपोजर मिला। 2020 में क्लीयर नहीं हुआ था प्रीलिम्स ग्रेजुएशन के बाद मुझे पता चला कि पीपल गर्ल एसोसिएशन स्कीम से ओबीसी बच्चों को फ्री ऑफ कॉस्ट सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाई जा रही थी। मैंने उस स्कीम में एनरोल किया और एग्जाम की तैयारी की। वहां सीके शर्मा सर और सीएम सर ने मुझे पढ़ाया। फिर 2019 में मैंने प्रीलिम्स और मेन्स क्लीयर किया। इंटरव्यू तक पहुंची, पर 13% में ओबीसी होल्ड होने की वजह से मेरा रिजल्ट नहीं आया। मैंने 2020 में एग्जाम दिया, पर प्रीलिम्स क्लीयर नहीं हुआ। इसके बाद मैंने 2021 में फिर कोशिश की दूसरी कोचिंग शुरू की। टेस्ट सीरीज जॉइन की, वहां से मेन्स का कंटेंट लिया। फिर वहां के नोट्स से भी तैयारी की। इस बार रिजल्ट पॉजिटिव रहा। लास्ट ईयर मेरा वर्ग तीन प्राइमरी शिक्षक में सिलेक्शन हुआ था। साथ ही अभी व्यापमं, पटवारी ग्रुप-4 का एग्जाम भी क्लियर किया था। उसमें मेरा सिलेक्शन सहायक विकास विस्तार अधिकारी के पद पर हुआ और मैंने मार्च में ही ड्यूटी जॉइन की। परिवार और भाई-बहन ने बहुत साथ दिया इस पूरी जर्नी में मेरे परिवार और मेरे भाई-बहन सभी ने बहुत साथ दिया। मैंने जहां भी काम किया इनका मुझे पूरा सपोर्ट मिला। मेरे सभी टीचर्स ने भी मुझे हर समय गाइड किया। 2019-2020 में जब एग्जाम क्लीयर नहीं कर पाई, तब डि-मोटिवेट हो गई थी। परिवार और टीचर्स से मुझे इमोशनल सपोर्ट मिला। सभी ने कहा, तुम कर सकती हो। मन में हमेशा विश्वास था, पर पता नहीं था टॉपर रहूंगी।’ अंकिता की सफलता पर परिजन की राय भी जान लीजिए… पिता ने कहा- पांचों बेटियां सरकारी जॉब में हैं अंकिता के पिता दौलतराम का कहना है कि बेटी ने परिवार और समाज के लिए बहुत अच्छा काम किया है, उन्हें गर्व है। उन्होंने अपने सभी बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की है। जब बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, तब आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। फिर भी उन्हें हर तरह से आगे बढ़ाने की कोशिश की। अभी मेरी पांचों बेटियां सरकारी जॉब में हैं। बहन बोलीं- कड़ी मेहनत से मुकाम पाया अंकिता की बहन सुमन का कहना है कि अंकिता बचपन से ही टैलेंटेड रही है। बहनों में सबसे छोटी है। मुझे याद है हमने उसे पैंसिल पकड़ना भी नहीं सिखाया है, सब उसने खुद से करना सीखा है। स्कूल में भी वो हमेशा टॉप करती थी। हमें हमेशा से भरोसा था कि वो बहुत आगे जाएगी और आज उसने उसकी कड़ी मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है। मां बोलीं- मैंने अपने अनुभवों से मार्गदर्शन दिया अंकिता की मां चंद्रकला हिंदी की टीचर रही हैं। चंद्रकला बताती हैं कि इंग्लिश मीडियम से होने के बावजूद अंकिता की हिंदी बहुत अच्छी रही है। मैंने उसे हमेशा अपने अनुभवों से मार्गदर्शन दिया है। उसी की प्रेरणा से वो हमेशा आगे बढ़ती रही। ये भी पढ़ें… पीएससी-2021 के टॉप-10 में 7 बेटियां:24 डिप्टी कलेक्टर में 12 लड़कियां एमपी पीएससी (मप्र लोक सेवा आयोग) ने गुरुवार शाम राज्य सेवा परीक्षा-2021 की फाइनल चयन सूची जारी कर दी। अलग-अलग विभाग के चयनित अभ्यर्थियों के साथ ही अनुपूरक सूची भी तैयार की गई है। ओबीसी आरक्षण मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण इस बार भी 87% अभ्यर्थियों का ही परिणाम आया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments