छत्तीसगढ़ में दसवीं कक्षा के रिजल्ट में टॉप-10 में 59 छात्रों ने जगह बनाई है। इनमें रायपुर जिले की 4 छात्राएं हैं। इनमें अंशिका सिंह चौथे नंबर, आठवें रैंक पर रिया सिंह, नौंवें रैंक पर तनीषा सिंह और दसवें रैंक पर बॉबी मिंज हैं। इनमें किसी के पिता की छोटी सी दुकान हैं तो कोई अपनी मां को सिलाई में मदद करती हैं। दैनिक भास्कर ने टॉपर्स छात्राओं और उनके परिवार से खास बातचीत की, पढ़िए उनकी जुबानी आठवां रैंक लाने वाली रिया सिंह ने कहा कि, मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं। यह सफलता एक स्ट्रेटजी का नतीजा है। जो दसवीं में एडमिशन लेने के साथ ही शुरू हो गई थी। साल भर एक रूटिंग को फॉलो करने से सफलता मिली है। रिया ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुझे भी और स्टूडेंट की तरह पढ़ते समय नींद आती थी। इसके बाद मैं कुछ देर पढ़ाई बंद कर टहलने लग जाती थी। शरीर में फिजिकल एक्टिविटी होने के बाद फिर रिचार्ज होकर पढ़ने बैठ जाती थी। दोस्त पढ़ाकू बोले, लेकिन बुरा नहीं लगता था रिया ने कहा कि उसके पढ़ाई के शेड्यूल और निचले क्लास में टॉपर होने के चलते उसके दोस्त उसे पढ़ाकू बोलते थे। रिया ने मुस्कुराते हुए कहा कि अब चूंकि मैं टॉपर थी तो मुझे बहुत ज्यादा बुरा भी नहीं लगता था। उन्हीं दोस्तों के साथ मैंने कई बार ग्रुप स्टडी भी की। मेरे से जुड़े दोस्त भी पढ़ाई में अच्छे थे। पिता चलाते हैं, किराने की दुकान रिया के पिता गजेंद्र कुमार सिंह की किराने की दुकान है। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं लेकिन बीते 15 सालों से रायपुर में निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिया की पढ़ाई के लिए कभी भी समझौता नहीं किया था। वह डॉक्टर बनना चाहती हैं। अगर किसी कॉलेज की फीस भी महंगी हो तो भी वह पैसों की व्यवस्था करके उसे पढ़ाना चाहते हैं। मां ने कहा- डांटने की जरूरत नहीं पड़ी रिया की मां ने कहा कि रिया को डांटने की जरूरत नहीं पड़ी, वह हमेशा पढ़ाई करती रही। वह मोबाइल में अनावश्यक टाइम बिताना और सोशल मीडिया से दूर ही रही। उम्मीद करते हैं कि आगे भी वह ऐसे ही पढ़ाई करें और अपने सपनों को पूरा करें। सिलाई में मदद करती हैं तनीषा नौंवा रैंक लाने वालीं तनीषा सिंह ने कहा कि, मैं IAS ऑफिसर बनना चाहती हूं। तनीषा की मम्मी ज्योति सिंह भी बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए घर से ही सिलाई का काम करती हैं। उनका कहना है कि तनीषा से अच्छा उनका कोई दोस्त नहीं है। तनीषा पढ़ाई के साथ-साथ उनके काम में भी हाथ बंटाती है। तनीषा को पूरा सिलाई का काम आता है, खाना बनाने से लेकर घर के हर काम में वो उनकी मदद करती हैं। IPS ने कहा- अपने फाइनल टारगेट में फोकस रहे 2020-21 बैच के IPS अमन कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में 10वीं और 12वीं के सभी टॉपर्स को बधाई दी है। इसके अलावा उन्होंने असफल हुए स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि उनके भी 12वीं में दसवीं से तुलनात्मक रूप से कम परसेंट आए थे। वह भी निराश हुए थे। लेकिन उन्होंने फाइनल टारगेट को फोकस किया। उन्होंने कहा कि सभी स्टूडेंट्स को भी इन परीक्षाओं में आए रिजल्ट से निराश नहीं होना चाहिए। स्टूडेंट को मनपसंद कैरियर के लिए उससे जुड़ी परीक्षा में फोकस रहना चाहिए। हमें अभी लग रहा है कि यह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा है। लेकिन भविष्य में ऐसा नही लगेगा। एक बेहतर स्ट्रेटजी बनाये और आने वाली परीक्षाओं के लिए जुट जाइए।