NEET-UG के रिजल्ट में धांधली की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। परीक्षा करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NEET-UG की पवित्रता प्रभावित हुई है। हमें इसका जवाब चाहिए है। NEET-UG का रिजल्ट 4 जून 2024 को घोषित हुआ। सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच सुनवाई की। क्या है पूरा मामला
याचिका शिवांगी मिश्रा और नौ स्टूडेंट्स ने रिजल्ट की घोषणा से पहले ही 1 जून को दायर की गई थी (शिवांगी मिश्रा और अन्य बनाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और अन्य डायरी नंबर 25656/2024)। इसके बाद जब 4 जून को रिजल्ट घोषित हुआ, तब इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कुछ और याचिकाएं भी दायर की गई हैं, जिसमें कई कैंडिडेट को ग्रेस-अंक देने के नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के फैसले पर सवाल उठाया गया है। हालांकि, वे याचिकाएँ, जो नतीजों की घोषणा के बाद दायर की गई थीं, आज सूचीबद्ध नहीं हैं। NEET-UG में ग्रेस अंक विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस याचिका में रिजल्ट वापस लेने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना NTA का मनमाना फैसला है। स्टूडेंट्स को 718 या 719 मार्क्स देने का कोई मैथमेटिकल आधार नहीं है। ये याचिका स्टूडेंट वेलफेयर के लिए काम करने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख रोशन ने दायर की थी। ये दोनों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्टूडेंट्स के लिए काम करते हैं। इसके साथ ही देश भर में NEET-UG 2024 को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने याचिका दायर की थीं, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। ग्रेस मार्क्स के खिलाफ दायर की गई याचिकायाचिका में कहा गया है कि NTA ने अब तक ये नहीं बताया कि उन्होंने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देने के लिए क्या तरीका अपनाया है। वहीं, एग्जाम के पहले NTA की तरफ से जारी की गई इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में भी ग्रेस मार्क्स देने के प्रावधान का जिक्र नहीं किया गया था। ऐसे में कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स देना सही नहीं है।