कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने IPL 2024 का खिताब जीत लिया है। चेन्नई में रविवार को हुए फाइनल में कोलकाता ने सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को 8 विकेट से हराया। कोलकाता की टीम तीसरी बार IPL चैंपियन बनी है। इससे पहले टीम 2012 और 2014 में भी खिताब जीत चुकी है। 2021 में चेन्नई से फाइनल हारने के बाद टीम 2022 और 2023 में प्लेऑफ भी नहीं खेल पाई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि कोलकाता ने इस बार ऐसा क्या अलग किया, जिससे वो चैंपियन बन गई। इसके पीछे 9 अहम फैक्टर नजर आते हैं। जानते हैं कोलकाता का विनिंग फॉर्मूला… 1. गंभीर ने दिया लाइसेंस टु किल
कोलकाता ने इस सीजन के लिए अपने पूर्व कप्तान गौतम गंभीर को मेंटॉर बनाने का फैसला किया। बताया जाता है कि टीम के ऑनर शाहरुख खान ने गंभीर के सामने ब्लैंक चेक रख दिया था और अगले 10 साल के लिए मेंटॉरशिप ऑफर कर दी। गंभीर इससे पहले लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटॉर थे। वे कोलकाता से जुड़े और आते ही टीम का कायापलट कर दिया। गंभीर ने अपने खिलाड़ियों को लाइसेंस टू किल दिया। यानी ग्राउंड पर जाओ और खुद को एक्सप्रेस करो। इसका एग्जाम्पल सुनील नरेन है। 7वें-8वें नंबर पर आने वाले सुनील नरेन ने इस सीजन ओपनिंग की और कुछ मौकों पर फेल होने के बावजूद उन्हें मौके मिलते रहे। 2. आउट स्टैंडिंग स्टार्क
2015 का फाइनल और मेलबर्न के स्टेडियम में 4 फिफ्टी लगा चुके तूफानी बल्लेबाज ब्रैंडन मैक्कुलम क्रीज पर। गेंद मिचेल स्टार्क के हाथ में। ब्रैंडन को पहली ही गेंद पर मिचेल ने बोल्ड कर दिया। टूर्नामेंट की शुरुआत अच्छी नहीं थी, लेकिन फाइनल तक 22 विकेट झोली में थे। ऐसा ही स्टार्क ने IPL 2024 में किया। क्वालिफायर-1 की दूसरी गेंद पर ट्रैविस हेड को बोल्ड किया। पावर-प्ले में 3 विकेट लिए। इसके बाद फाइनल में 5वीं गेंद पर अभिषेक शर्मा को बोल्ड किया। ये एक ड्रीम स्विंग डिलिवरी थी। स्टार्क ने बताया कि 24.75 करोड़ की बोली लगाकर कोलकाता ने उन्हें क्यों खरीदा। 3. आक्रामक बैटिंग अप्रोच
कोलकाता की टीम इस सीजन सबसे आक्रामक बैटिंग करने वाली टीमों में शामिल रही। कोलकाता ने सीजन में पावर-प्ले में 7 बार 70 से ज्यादा रन बनाए। टीम ने इस साल 7 मैचों में 200+ का स्कोर भी बनाया। टीम के 6 बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट 150+ के रहे। 2024 में कोलकाता के बल्लेबाजों ने 45% अटैकिंग शॉट्स खेले। 2022 में टीम ने 41.08% और 2023 में 41% अटैकिंग शॉट्स खेले। हैदराबाद के लिए ये अप्रोच नई थी, लेकिन कोलकाता के लिए नहीं, क्योंकि वो पिछले 2 सीजन भी अटैक ही कर रही थी। इस अप्रोच में अगर उन्हें शुरुआती झटके लगे तो श्रेयस और वेंकटेश जैसे बल्लेबाज मिडिल ओवर्स में शॉक ऑब्जर्वर का काम करते रहे। श्रेयस अय्यर पूरे सीजन चेज करते हुए आउट नहीं हुए हैं। 4. बैकअप प्लान हमेशा रेडी
जब-जब पावर-प्ले में अटैकिंग बैटिंग का प्लान फेल हुआ, तब भी कोलकाता ने जरूरी स्कोर किया और मैच जीता। सीजन का पहला ही मैच हैदराबाद से हुआ। पहले बल्लेबाजी कर रही कोलकाता के 4 विकेट 51 रन पर गिर गए। इसके बावजूद टीम 208 रन तक पहुंची। मिडिल ऑर्डर में रसेल, रिंकू और रमनदीप चमके। 3 मई को मुंबई के खिलाफ टीम ने 5 विकेट 57 रन पर खो दिए। 5वें और 7वें नंबर पर उतरे वेंकटेश (70 रन) और मनीष पांडेय (42 रन) ने स्कोर 169 पहुंचाया। मैच कोलकाता जीती। पूरे टूर्नामेंट में वेंकटेश ने 370, श्रेयस ने 351, रसेल ने 222 रन और रिंकू सिंह ने 168 रन बनाकर टीम को मिडिल ऑर्डर से लोअर ऑर्डर तक मजबूती दी। 5. शॉर्ट पिच गेंदबाजी के खिलाफ कमजोरी दूर की
2022-23 में कोलकाता के बल्लेबाज शॉर्टपिच गेंदबाजी के आगे ढह जा रहे थे। 2022-23 में कोलकाता के बल्लेबाज इन गेंदों पर 7.67 के रनरेट से रन बना रहे थे और टीम का एवरेज स्कोर 17.47 था। टीम ने प्री-सीजन इस पर काम किया। 2024 में कोलकाता का शॉर्ट बॉल के खिलाफ ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। इस साल इन गेंदों के खिलाफ टीम का रनरेट करीब 10 का रहा है और टीम एवरेज सुधर कर 29 हो गया। इस सीजन में सॉल्ट ने शॉर्ट पिच और शॉर्ट ऑफ गुड लेंथ गेंदों के खिलाफ 190 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। रमनदीप का स्ट्राइक रेट 240 रहा। नरेन का स्ट्राइक रेट 172 और वेंकटेश अय्यर का 163 रहा। टीम के कई मैच बाउंसी पिचों पर हुए, लेकिन बल्लेबाज पहले तैयार थे। 6. ओपनिंग चेंज बना गेम चेंजर
सुनील नरेन को ओपनिंग में लाए। फिल सॉल्ट और रहमनुल्लाह गुरबाज ने साथ दिया। सुनील नरेन ने 181 के स्ट्राइक रेट से 488 रन बनाए। 3 फिफ्टी लगाई और पहला टी-20 शतक भी जड़ा। सॉल्ट को आईपीएल ऑक्शन में खरीदा नहीं गया था। वो जेसन रॉय के रिप्लेसमेंट के तौर पर आए और 182 के स्ट्राइक रेट से 435 रन बना डाले। 7. बैटिंग में गहराई और फ्लैक्सिबिलिटी 8. गेंदबाजी में बेस्ट कॉम्बिनेशन 9. वेस्टइंडीज के 2 वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर्स
टीम के पास वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर्स हैं। दोनों वेस्टइंडीज के हैं। आंद्रे रसेल और सुनील नरेन। रसेल ने फाइनल में 3 और सुनील नरेन ने एक विकेट लिया। आंद्रे रसल ने 222 रन बनाए और एक फिफ्टी लगाई है। उनके नाम इस आईपीएल में 18 विकेट हैं। 482 रन बना चुके नरेन 17 ने विकेट लिए। आखिरी में हैदराबाद की हार के 3 कारण
KKR ने कैसे ढूंढा चैंपियन बनने का फॉर्मूला:अटैकिंग बैटिंग और डेप्थ, मैच विनर्स पर भरोसा और गंभीर की मेंटॉरशिप ने दिलाई तीसरी ट्रॉफी
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